स्मार्टफोन में जरूरी होगा NavIC? इसके बिना नहीं बेच पाएंगे भारत में फोन?

What iS NavIC: स्मार्टफोन्स में कई तरह के नेविगेशन सिस्टम्स को सपोर्ट मिलता है. इसमें GPS, GLONASS और दूसरे सिस्टम्स होते हैं. भारत में बिकने वाले कई स्मार्टफोन्स में NavIC का भी सपोर्ट मिलता है. इस नेविगेशन सिस्टम को ISRO ने विकसित किया है. पिछले कुछ दिनों से इस नेविगेशन सिस्टम पर चर्चा हो रही है. आइए जानते हैं क्या है मामला.

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NavIC के बिना भारत में नहीं बिकेंगे स्मार्टफोन NavIC के बिना भारत में नहीं बिकेंगे स्मार्टफोन

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 3:07 PM IST

NavIC का नाम नया नहीं है. नेविगेशन के मामले में यह भारत की एक बड़ी उपलब्धी है. कई स्मार्टफोन में NavIC का सपोर्ट भी मिलता है. पिछले कुछ दिनों से इस नेविगेशन को सिस्टम को लेकर चर्चा हो रही है. इसकी वजह Reuters की एक रिपोर्ट में है. इसमें कहा गया था कि भारत में बिकने वाले सभी फोन में NavIC का होना जरूरी होगा. 

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रिपोर्ट की मानें तो इसके लिए भारत सरकार ने आदेश जारी कर कहा है कि सभी हैंडसेट मैन्युफैक्चर्र्स को 1 जनवरी 2023 से भारत में बिकने वाले स्मार्टफोन्स में NavIC इनेबल करना होगा. हालांकि, भारत सरकार ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा है. सरकार ने इस मामले में पर बयान भी जारी किया. 

एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मोबाइल कंपनियों को स्मार्टफोन में NavIC का सपोर्ट देना जरूरी कर दिया गया है. ये जानकारी एक बैठक का हवाला देते हुए दी गई है. ये साफ किया जाता है कि इस मामले में कोई टाइम लाइन फिक्स नहीं की गई है. इस मामले पर सभी स्टेकहोल्डर्स से चर्चा हो रही है. 

मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी

बता दें कि NavIC भारत का अपना नेविगेशन सिस्टम है, जिसे ISRO (Indian Research Space Organization) ने विकसित किया है. इसका इस्तेमाल मिलिट्री और कमर्शियल दोनों तरह के काम में किया जा सकता है. 

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सरकार ने नहीं दिया कोई आदेश 

सरकार ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है. भारत में बिकने वाले कई स्मार्टफोन में NavIC का फीचर मिलता है. लगभग 300 स्मार्टफोन मॉडल्स ऐसे हैं, जिनमें इसका सपोर्ट मौजूद है. साल 2020 में रिलीज हुआ Realme X50 पहला फोन था, जिसमें NavIC का सपोर्ट दिया गया था. 

क्या है NavIC? 

NavIC को ISRO (Indian Research Space Organization) ने विसकित किया है. इसरो ने इस पर साल 2006  में काम शुरू किया था और जिसे साल 2011 तक पूरा होना था. हालांकि, NavIC साल 2018 में पूरी तरह से तैयार हो पाया. ये भी GPS, GLONASS और दूसरे नेविगेशन सिस्टम की तरह ही काम करता है. 

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