जैकलीन के साथ प्राइवेट फोटो वायरल होने से नाराज है सुकेश, जानें फोन से कैसे लीक होती है इमेज

जैकलीन संग अपनी प्राइवेट फोटो लीक होने से सुकेश चंद्रशेखर नाराज है. यहां पर आपको बता रहे हैं आखिर सिक्योरिटी होने के बावजूद फोन से फोटो कैसे लीक हो जाती है.

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जैकलीन फर्नांडिस जैकलीन फर्नांडिस

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 1:07 PM IST
  • मैलेशियस ऐप्स से रहें सावधान
  • जासूसी सॉफ्टवेयर भी चुराते हैं डेटा

सुकेश चंद्रशेखर और जैकलीन फर्नांडिस लगातार न्यूज में हैं. इन दोनों की कई प्राइवेट फोटो पब्लिक में लीक हो गई. जिसके बाद वो फोटोज सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल होने लगे. इसके बाद जैकलीन ने सामने आकर इन फोटो को शेयर ना करने की अपील की. 

अब सुकेश चंद्रशेखर भी कुछ ऐसा ही अपील कर रहा है. इन लीक फोटो पर रिएक्शन देते हुए उसने इसे प्राइवेसी का हनन बताया. मीडियो को लिखे पत्र में इसको लेकर उसने नाराजगी भी जताई है. उसने पर्सनल स्पेस और प्राइवेसी को बनाए रखने की अपील की है.

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हम यहां बात करेंगे फोन में लॉक होने के बावजूद पर्सनल इमेज और वीडियो आखिर लीक कैसे हो जाते हैं. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. सबसे आसान कारण है अगर किसी जान-पहचान वाले के पास आपके फोन का एक्सेस है तो वो इसे अपने फोन में ट्रांसफर करके प्राइवेट फोटो या वीडियो को लीक कर सकता है. 

दूसरा सबसे आसान तरीका है अगर आपने ही किसी को वो फोटो ट्रांसफर किया हो और वो आपसे रिश्ते खराब होने पर फोटो को लीक कर दें. ऐसा अक्सर देखा भी जाता है दोस्त एक-दूसरे के साथ कई चीजें शेयर कर देते हैं लेकिन जब उनके आपस के रिश्ते खराब होते हैं तो वो उन चीजों को लीक करना शुरू कर देते हैं. सभी केस में ऐसा नहीं होता है लेकिन अपनी प्राइवेट इमेज किसी के साथ भी शेयर करने से बचें. 

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थर्ड पार्टी मैलेशियस ऐप्स का भी इसमें अहम योगदान होता है. कई ऐसे मैलेशियस ऐप्स होते हैं जो आपसे कई तरह की परमिशन ले लेते हैं. इससे आपके गैलरी का भी एक्सेस ऐप को मिल जाता है और वो इसका फायदा उठाकर फोटो को रिमोर्ट सर्वर पर अपलोड कर देते हैं. जहां से फोटो लीक हो सकते हैं. 

इसके अलावा सोशल इंजीनियरिंग का भी यूज करके टारगेट के फोटो या वीडियो तक पहुंचा जा सकता है. इसमें लोगों को सोशल टेक्नीक का यूज करके फंसाया जाता है. इससे हैकर्स के पास यूजर का अकाउंट और पासवर्ड पहुंचा जाता है. इसका यूज वो क्लाउड जैसे गूगल ड्राइव, ड्रॉपबॉक्स पर स्टोर फोटो या डॉक्यूमेंट को स्टोर करने के लिए करते हैं. 

हैकर्स स्पाईवेयर के जरिए भी लोगों को टारगेट करते हैं. स्पाईवेयर यानी जासूसी सॉफ्टवेयर आपके फोन का पूरा डेटा एक्सेस करता है. इसमें फोटो और वीडियो भी शामिल होते हैं. इसके जरिए हैकर्स टारगेट को ब्लैकमेल करते हैं या इसे लीक कर देते हैं. 

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