Starlink: क्या Elon Musk लोगों के Internet यूज करने का तरीका बदल देंगे?

Starlink: सैटेलाइट से इंटरनेट देने का कॉन्सेप्ट नया नहीं है. लेकिन जिस तरह से Elon Musk ने इसकी प्लानिंग की है, आने वाले समय में इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड करने का तरीका बदल सकता है.

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Starlink Boss Elon Musk Starlink Boss Elon Musk

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 6:52 PM IST
  • Starlink: क्या बदल जाएगी इंटरनेट सर्विस की परिभाषा?
  • Starlink इंटरनेट क्या फाइबर से सस्ता होगा?

मौजूदा समय में ज्यादातर जगहों पर इंटरनेट फाइबर ऑपटिक्स के जरिए दिए जाते हैं. फाइबल ऑपटिक्स एक टेक्नोलॉजी है जिसमें लाइट के जरिए डेटा ट्रैवल करता है, लेकि Elon Musk का Starlink इससे अलग है. 

Starlink में फाइबर ऑप्टिक्स नहीं होगा, बल्कि यहां डायरेक्ट सैटेलाइट से लोगों को इंटरनेट मिलेगा. इसके लिए Elon Musk अपनी Space X कंपनी के Falcon रॉकेट के जरिए LOE सैटेलाइट भेज रहे हैं. 

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2019 से ही Starlink के सैटेलाइट को भेजा जाना शुरू कर दिया गया था. Elon Musk का टारगेट ये है कि दुनिया के हर कोने में इसके जरिए इंटरनेट पहुंचाया जाए. क्योंकि अभी भी दुनिया के कई हिस्सों में इंटरनेट की कनेक्टिविटी नहीं पहुंच पाई है. 

एलॉन मस्क का प्लान टोटल 12 हजार LOE सैटेलाइट को ऑर्बिट में भेजने का है. फिलहाल लगभग 1700 सैटेलाइट भेज दिए गए हैं. अमेरिका के कई जगहों पर Starlink की सर्विस यूज की जा रही हैं. बीटा टेस्टिंग के दौरान जो स्पीड कंपनी ने दावा की है वो अचीव कर ली गई है. 

ट्रेडिशन सैटेलाइट के मुकाबले Starlink के सैटेलाइट्स धरती के 60 टाइम्स नजदीक होंगे. इसी वजह से यूजर तक कम लेटेंसी के साथ इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचेगी. 

लेटेंसी का मतलब? सोर्स से डेस्टिनेशन तक डेटा को पहुंचने में जितना वक्त लगता है उसे लेटेंसी कहा जाता है. इसे मिलिसेकंड्स (ms) में मेजर किया जाता है. जितना कम ms उतनी कम लेटेंसी. इसे आप खुद भी टेस्ट कर सकते हैं. 

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Elon Musk ने ये खुद कहा है कि कम दूरी में Starlink की सर्विस फाइबर ऑप्टिक्स की लाइट से 40% ज्यादा फास्ट होगी. 

Starlink को मिलेगा फायदा... 

फाइबर ऑप्टिक्स की अपनी लिमिटेशन्स हैं. हर जगह फाइबर केबल पहुंचाना फिलहाल मुमकिन भी नहीं है. ऐसे में जहां फाइबर नहीं है वहां Starlink की सर्विस काम करेंगी. 

भले ही Starlink की रीच फाइबर इंटरनेट के मुकाबले ज्यादा होगी, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि इसके प्लान्स सस्ते होंगे. क्योंकि Starlink प्रोजेक्ट में Elon Musk ने काफी निवेश किया है. 12 हजार सैटेलाइट भेजने का प्लान है, इसलिए कंपनी यूजर्स से मोटे पैसे भी प्लान के लिए लेगी. 

अमेरिका में चूंकि इसकी टेस्टिंग हो रही है और वहां प्लान जारी कर दिए गए हैं. अगर अमेरिका में Starlink के प्लान को भारतीय कीमतों में तब्दील करें तो Starlink का कनेक्शन लेने के लिए आपको पहले साल लगभग 1.60 लाख रुपये लगेंगे. दूसरे साल से हर महीने लगभग 7.5 हजार रुपये देने होंगे.

Starlink के डिवाइस आपको कंपनी से खरीदने होंगे. इसलिए पहले महीने में यूजर्स को लगभग 45000 रुपये देना होगा. इसके बाद हर महीने 7.5 हजार रुपये लगेंगे. दूसरे साल से पैसे कुछ कम लगेंगे, क्योंकि डिवाइसेज आपने खरीद लिए हैं. 

गौरतलब है कि कंपनी ने दावा किया है कि हाई स्पीड और कम लेटेंसी के साथ अनलिमिडेट डेटा यूजर्स को मिलेगा. डिवाइस की बात करें तो आपकी छत से आसामान दिखाई देना जरूरी है. सैटेलाइट से एंटेना और फिर एंटेना से आपके घर पर लगे राउटर तक इंटरनेट जाएगा जहां से आप यूज कर सकते हैं. 

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