भारत के डेटा सेंटर में होगी बड़ी ग्रोथ, इतने अरब डॉलर का होगा मार्केट- इकोनॉमिक सर्वे

Economic Survey 2025: भारत में डेटा सेंटर का तेजी से विकास हो रहा है. शुक्रवार को पेश किए गए इकोनॉमिक सर्वे की मानें, तो साल 2032 तक भारत का डेटा सेंटर बाजार बढ़कर 11.6 अरब डॉलर का हो जाएगा. साल 2023 में ये मार्केट 4.5 अरब डॉलर का है. भारत में डेटा सेंटर के बढ़ने की कई वजहें हैं. आइए जानते हैं इसकी डिटेल्स.

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प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image) प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 11:38 AM IST

भारतीय डेटा सेंटर मार्केट 4.5 अरब डॉलर से बढ़कर 11.6 अरब डॉलर पहुंच जाएगा. Economic Survey 2024-25 की मानें तो साल 2023 में भारतीय डेटा सेंटर मार्केट 4.5 अरब डॉलर का था, जो साल 2032 में बढ़कर 11.6 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. शुक्रवार को संसद में Economic Survey 2024-25 को पेश किया गया है. 

डेटा सेंटर मार्केट भारत में अच्छी ग्रोथ हासिल कर रहा है. इसकी एक बड़ी वजह इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल सर्विसेस का बढ़ना है. भारत को लोअर कंस्ट्रक्शन कॉस्ट, एस्टैब्लिश IT और डिजिटल इनेबल सर्विस इकोसिस्टम का फायदा मिल रहा है. साथ ही किफायती रियल एस्टेट की वजह से इंडस्ट्री की ग्रोथ हो रही है. 

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लगातार बढ़ रहा भारत में डेटा यूज

सर्वे के मुताबिक, साल 2023 में भारत की कोलोकेशन डेटा सेंटर कैपेसिटी 977MW थी. बता दें कि भारत में साल 2022 में एवरेज मंथली डेटा यूज 19GB था, जो साल 2023 में बढ़कर 24GB पहुंच गया. ये सिर्फ एक शुरुआत है. भारत में दिन-ब-दिन डेटा यूज बढ़ता जा रहा है. 

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Ericsson Mobility की जून 2023 में आई रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत जल्द ही डेटा कंजम्प्शन में ग्लोबल लीडर बन जाएगा. एवरेज भारतीय यूजर का डेटा प्रति माह 62GB तक पहुंच जाएगा, जो अमेरिका, यूरोप और चीन को पार कर लेगा. इसकी वजह से भारत में क्लाउड मार्केट भी तेजी से बढ़ रहा है. इसके लिए यूजर्स को डेटा बैकअप इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होती है. 

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क्या होता है डेटा सेंटर?

एक डेटा सेंटर, हाई-टेक किला होता है, जहां बड़े पैमाने पर सर्वर्स का नेटवर्क होता है. यहां डेटा स्टोर होने से लेकर प्रोसेसिंग, हैंडलिंग और डिस्ट्रिब्यूशन सभी काम होते हैं. इसकी मदद से ही आप रिमोटली अपने डेटा को एक्सेस कर सकते हैं.

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इस किले में सर्वर, स्टोरेज सिस्टम और नेटवर्क गीयर लगातार काम करते हैं, जिससे यूजर्स का डेटा हैंडल होता है. इसकी वजह से चीजें लगातार काम करती रहती हैं. 

आपने क्लाउड कंप्यूटर से लेकर क्लाउड स्टोरेज तक के बारे में सुना होगा. ये सभी टेक्नोलॉजी क्लाउड पर बेस्ड होती हैं, जिसमें डेटा को किसी एक डिवाइस पर ना स्टोर करके एक डेटा सेंटर में स्टोर किया जाता है. यानी डेटा स्टोर तो फिजिकल फॉर्म में ही होता है, लेकिन आप उसे रिमोटली कहीं से भी हैंडल कर सकते हैं.

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