भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज CoinDCX एक सिक्योरिटी ब्रीच का शिकार हुआ है. इसकी वजह से प्लेटफॉर्म से 4.42 करोड़ अमेरिकी डॉलर या 378 करोड़ रुपये साफ हो गए हैं. क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म से चोरी हुए इन पैसों के बाद CoinDCX के फाउंडर्स को सफाई देनी पड़ी है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर CoinDCX के फाउंडर ने बताया है कि कस्टमर्स के फंड्स पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है और वे पूरी तरह से सुरक्षित हैं. इस साइबर अटैक का असर एक इंटरनल ऑपरेशनल अकाउंट पर पड़ा है. कंपनी ने बताया है कि नुकसान की भरपाई कंपनी के ट्रेजर रिसर्व का इस्तेमाल करके की जाएगी.
रिपोर्ट के मुताबिक, 19 जुलाई की सुबह 4 बजे CoinDCX के सिक्योरिटी सिस्टम ने एक अनाधिकारिक एक्सेस को डिटेक्ट किया. इस अनाधिकारिक एक्सेस के जरिए हैकर्स ने एक अकाउंट का एक्सेस हासिल कर लिया, जिसकी वजह से 4.4 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ है.
इस घटना के बाद से एक बार फिर क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म पर साइबर सिक्योरिटी को लेकर सवाल उठ रहे हैं. ये कोई पहला मौका नहीं है जब कोई क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज साइबर फ्रॉड का शिकार हुई है. पिछले साल WazirX भी एक साइबर अटैक का शिकार हुआ था, जिसमें 23 करोड़ अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ था.
यह भी पढ़ें: अरबपति बनाने वाले Bitcoin का वो रहस्य, जिसका आज तक नहीं हुआ खुलासा
CoinDCX के को-फाउंडर्स सुमित गुप्ता और नीरज खंडेलवाल ने इस साइबर अटैक के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया है. उन्होंने माना कि इस साइबर अटैक में किसी कंज्यूमर का नुकसान नहीं हुआ है बल्कि एक इंटरनल वॉलेट प्रभावित हुआ है.
यह भी पढ़ें: Bitcoin अब 100000 डॉलर का... ट्रंप की जीत का कमाल, पैसे लगाने वाले मालामाल
इस मामले में Bybit इंडिया, क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के कंट्री मैनेजर, विकास गुप्ता ने बताया कि अकसर हम क्रिप्टो में साइबर अटैक के बारे में सुनते हैं, तो सवाल उठता है कि क्या कुछ क्लिक्स की वजह से आपका पैसा उड़ सकता है. उन्होंने बताया कि क्रिप्टो डिजिटल है और इसमें साइबर अटैक का रिस्क तो रहता है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि आपका पैसा आसानी से चोरी हो सकता है.
ज्यादातर एक्सजेंज मल्टी लेयर सिक्योरिटी जैसे सिक्योरिटी का इस्तेमाल करते हैं. आसान भाषा में आप समझ सकते हैं कि क्रिप्टो प्लेटफॉर्म्स पर फंड को मूव करने के लिए मल्टीपल परमिशन की जरूरत होती है. ये अप्रूवल कई हिस्सों में बंटा होता है, जिससे चोरी की संभावना कम हो जाती है.
aajtak.in