वेबसाइट आपकी जासूसी करेगी और आपको पता भी नहीं चेलगा, गूगल क्रोम में मिला बग

गंभीर बात यह है कि ऐसे में यूजर के साथ धोखा होने की ज्यादा संभावनाएं हैं. खासकर भारतीय यूजर्स के लिए है. क्योंकि ज्यादातर यूजर्स ऐसे हैं जो बिना टर्म्स एंड कंडिशन पढ़े ही परमिशन देते हैं.

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मुन्ज़िर अहमद

  • नई दिल्ली,
  • 31 मई 2017,
  • अपडेटेड 1:08 PM IST

वेब ब्राउजर गूगल क्रोम कई बार बग की वजह से सवालों में रहा है. एक बार फिर से सिक्योरिटी रिसर्चर ने ऐसा खुलासा किया है जो आपके निजता यानी प्राइवेसी के लिए खतरनाक हो सकता है. AOL के वेब डेवेलपर रैन बार जिक ने गूगल क्रोम में एक बग ढूंढा है जिसके वेबसाइट्स बिना विजुअल इंडिकेटर के ही आपकी आवाज और वीडियो रिकॉर्ड कर सकती हैं.

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अगर विजुअल रिकॉर्डिंग फीचर के बारे में नहीं जानते तो बता दें कि यह क्रोम ब्राउजर में बनने वाला आइकन है जिससे यह पता चलता है कि वेबसाइट से आपका वीडियो रिकॉर्ड किया जा रहा है. क्रोम ब्राउजर के टैब पर एक रेड इंडिकेटर के जरिए आपको बताया जाता है कि वेबसाइट से आपकी ऑडियो रिकॉर्डिंग हो रही है.

 

 

हालांकि इस बग के बावजूद भी अगर कोई वेबसाइट आपकी आवाज या वीडियो रिकॉर्ड करना चाहता है तो इसके लिए भी उसके परमिशन की जरूरत होगी. लेकिन अगर आपने इसे परमिशन दे दिया, तो आपको यह नहीं पता चलेगा कि वो वेबसाइट आपको रिकॉर्ड कर रहा है.

 

 

गंभीर बात यह है कि ऐसे में यूजर के साथ धोखा होने की ज्यादा संभावनाएं हैं. खासकर भारतीय यूजर्स के लिए है. क्योंकि ज्यादातर यूजर्स ऐसे हैं जो बिना टर्म्स एंड कंडिशन पढ़े ही परमिशन देते हैं.

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आपको क्या हो सकता है खतरा
उदाहरण के तौर पर आप इंटरनेट ब्राउज करते समय कोई ऐसी वेबसाइट खोलते हैं जो स्पाई करती है. कई बार अनजाने में भी ऐसी वेबसाइट खुल जाती हैं. आपने कुछ कंटेंट देखते हुए यूजर परमिशन पर क्लिक किया और दूसरे टैब में चले गए. यह वेबसाइट लगातार आपके लैपटॉप के वेबकैम से आपका वीडियो रिकॉर्ड कर रहा होगा. इतना ही नहीं माइक्रोफोन के जरिए आपके द्वारा की गई बातचीत भी रिकॉर्ड होगी. सबसे खास बात आपको इन सब के बारे में पता भी नहीं चलेगा, क्योंकि गूगल क्रोम ब्राउजर पर रिकॉर्डिंग वाला रेड इंडिकेटर आइकन दिखेगा ही नहीं.

गूगल को इस बग के बारे में डेवेलपर ने बताया है. हालांकि गूगल ने कहा कि इससे कोई सिक्योरिटी थ्रेट नहीं है , क्योंकि रेड डॉट मोबाइल मे ऐसे भी नहीं दिखते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक गूगल ने कहा है कि किसी तरह की भी रिकॉर्डिंग के लिए यूजर की परमिशन की जरूरत होती है और यह उनकी जिम्मेदारी है कि परमिशन देने से पहले उसे पढ़ लें.

अगर आप अब तक बिना पढ़े हुए किसी भी वेबसाइट को परमिशन देते हैं यानी टर्म्स एंड कंडिशन के बॉक्स पर चेक करते हैं तो आपको सावधान रहने की जरूरत है.

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