FB का कबूलनामा: कंपनी विज्ञापन दिखाने के लिए करती है आपके फोन नं. का इस्तेमाल

टेक दिग्गज कंपनी फेसबुक ने स्वीकार किया है कि कंपनी सिक्योरिटी के लिए उपलब्ध कराए गए फोन नंबरों का इस्तेमाल विज्ञापन दिखाने के लिए करती है.

Advertisement
प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

साकेत सिंह बघेल

  • नई दिल्ली,
  • 29 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 2:48 PM IST

फेसबुक ने कबूल किया है कि यूजर्स द्वारा सुरक्षा कारणों से दिए गए फोन नंबरों का इस्तेमाल कंपनी उन्हें विज्ञापन के लिए टारगेट करने में कर रही है.  

टेकक्रंच की रिपोर्ट में फेसबुक के प्रवक्ता के हवाले से बताया गया, 'हम लोगों द्वारा दी गई जानकारी का उपयोग फेसबुक पर बेहतर और ज्यादा व्यक्तिगत अनुभव मुहैया कराने के लिए करते हैं, जिसमें विज्ञापन भी शामिल है.'

Advertisement

रिपोर्ट में कहा गया कि फेसबुक ने उन नंबरों का उपयोग किया, जो यूजर्स उसे टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) के लिए उपलब्ध कराते हैं. ये एक सिक्योरिटी सिस्टम है जो अकाउंट को सुरक्षित रखने के लिए ऑथेंटिकेशन के दूसरे लेयर के तौर पर काम करता है.

फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा, 'हम स्पष्ट हैं कि हम किस प्रकार से जानकारियां इकट्ठा करते हैं, जिसमें लोगों द्वारा अपने अकाउंट में डाले गए फोन नंबर भी शामिल हैं. आप अपने अकाउंट में डाले गए नंबर और निजी जानकारियों को किसी भी समय डिलीट कर सकते हैं.'

5 करोड़ अकाउंट से डेटा चोरी

साथ ही आपको बता दें फेसबुक ने शुक्रवार को कबूल किया कि उसकी सुरक्षा में सेंधमारी के कारण 50 मिलियन यानी 5 करोड़ लोगों के अकाउंट पर असर पड़ा. इस सोशल नेटवर्किंग साइट का कहना है कि उसके कंप्यूटर नेटवर्क पर हमला कर यूजर्स की सूचनाएं हैक की गईं.

Advertisement

इस हफ्ते की शुरुआत में हैक की घटना सामने आई. हैकर्स फेसबुक कोड की एक फीचर पर हमला कर यूजर्स के अकाउंट तक पहुंच गए. हालांकि कंपनी ने इस गड़बड़ी को अब दुरुस्त कर लिया है और सुरक्षा एजेंसियों को इसकी सारी जानकारी दे दी गई है.

शुक्रवार सुबह 9 करोड़ से ज्यादा फेसबुक यूजर्स को जबरन लॉगआउट कराया गया ताकि उनके अकाउंट सुरक्षित रखे जा सकें. सुरक्षा में सेंधमारी होने पर ऐसी तरकीब अपनाई जाती है. फेसबुक का कहना है कि हमलावरों के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन आगे की पड़ताल जारी है.

फेसबुक के इतिहास में शुक्रवार की हैकिंग सबसे बड़ी घटना मानी जा रही है. इससे पहले 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूस के प्रोपगैंडा अभियान को लेकर फेसबुक को कड़ी आलोचना का शिकार होना पड़ा था. कंपनी के दिनोंदिन बढ़ते कद को देखते हुए इसे रेगुलेट करने का दबाव भी बढ़ता जा रहा है. अभी हाल में कैंब्रिज एनालिटिका स्कैंडल भी सामने आया था जिसमें कंपनी की चौतरफा निंदा हुई थी. ब्रिटेन की कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका ने तकरीबन पौने नौ करोड़ फेसबुक यूजर्स के डेटा चुरा लिए थे.  

(इनपुट-आईएएनएस)

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement