पिछले कई हफ़्तों से Vivo X300 Pro यूज करने के बाद आपको बताता हूं कि इस फोन के साथ हमारा एक्सपीरिएंस कैसा रहा. इसे इस्तेमाल करते समय सबसे पहले जो चीज़ सामने आती है, वह इसका साइज़ और वेट है. यह फ़ोन शुरू से ही बता देता है कि यह हर किसी के लिए नहीं बनाया गया.
हाथ में पकड़ते ही इसका कैमरा सेंट्रिक डिज़ाइन महसूस होता है. पीछे का बड़ा ZEISS सर्कल, मैट फिनिश, और थोड़ा हेवी बिल्ड इसे एक प्रो और रगेड वाइब मिलता है. इसके साथ रिव्यू के लिए जो कवर भेजा गया था वो हेवी ड्यूटी है.
अगर आप हल्का या कॉम्पैक्ट फोन चाहते हैं, तो यह फ़ोन आपका पहला ऑप्शन नहीं होगा. लेकिन अगर आप एक ऐसे डिवाइस की तलाश में हैं जो कैमरा में अलग लेवल की कैपेबिलिटी देता हो, तो पहली पकड़ से ही यह साफ़ हो जाता है कि यह फ़ोन उसी दिशा में बनाया गया है.
इसके डिस्प्ले के साथ मेरा एक्सपीरियन्स काफी अच्छा रहा. 1.5K AMOLED स्क्रीन की ब्राइटनेस इतनी हाई है कि धूप में बाहर खड़े होकर भी फ्रेमिंग और कंटेंट देखना आसान रहता है.
कलर एक्युरेसी और कॉन्ट्रास्ट दोनों सही बैलेंस में हैं, जिससे न वीडियो ओवरसैचुरेटेड लगते हैं, न फोटो वॉश्ड आउट. स्क्रॉलिंग और एनीमेशन स्मूद हैं, और लंबे समय तक स्क्रीन देखते हुए भी स्ट्रेस नहीं होता. इस फ़ोन का डिस्प्ले शूटिंग और स्टोरी-व्यूइंग दोनों को एक फ्लो में जोड़ता है.
परफ़ॉर्मेन्स के मामले में X300 Pro एक भरोसेमंद फ़्लैगशिप की तरह ही बिहेव करता है. मल्टी-टास्किंग, हाई-रेज़ फोटो कैप्चर, वीडियो रिकॉर्डिंग, सोशल ऐप्स की लगातार एक्टिविटी, किसी भी मोमेंट में यह फ़ोन स्लो नहीं पड़ता.
परफॉर्मेंस और Origin OS
कुछ गेम्स लंबे सेशन पर फ़ोन को थोड़ा वार्म कर देते हैं, लेकिन परफॉर्मेन्स ड्रॉप जैसा कुछ नहीं दिखा. सॉफ़्टवेयर पहले जितना कलटर्ड नहीं है; इंटरफेस क्लीन है और एनीमेशन काफी रिफाइंड लगते हैं. हां, कुछ प्री-इंस्टॉल्ड ऐप्स हैं, लेकिन ओवरऑल यूआई स्टेबल है.
Vivo X300 Pro में मिला OriginOS का एक्सपीरियन्स पहले के वर्ज़न्स से काफी बेहतर महसूस होता है. इंटरफ़ेस क्लीन है, एनीमेशन स्मूद हैं और ओवरऑल परफॉर्मेन्स काफी रिफ़ाइंड लगता है. ऐप्स स्वाइप करते समय या मल्टी टास्किंग में कोई स्टटर नहीं दिखता, और UI की विज़ुअल लैंग्वेज भी अब ज्यादा मॉडर्न और सिम्पल हो गई है.
Vivo X300 Pro: Camera
अब आता है वह हिस्सा जो इस फ़ोन की सबसे बड़ी पहचान है. इसका कैमरा. मेन सेंसर रात में भी साफ़ और नैचुरल फोटो देता है. आमतौर पर कई फ़ोन्स रात को दिन जैसा दिखाने की कोशिश करते हैं, लेकिन X300 Pro ऐसा नहीं करता. यह हाइलाइट्स को ओवरएक्सपोज़ नहीं करता और शैडोज़ को फेक तरीके से ब्राइट नहीं करता.
फोटो ज़्यादातर रियल लगती है, और नॉइज़ कंट्रोल भी अच्छा रहता है. चलते हुए शूट करें तब भी काफी स्टेबल है, जिससे वीडियो और फोटो दोनों में फ्रेम हिलता नहीं. स्टेब्लाइजेशन पर कंपनी काफी समय से अच्छा काम कर रही है.
पोर्ट्रेट फोटो खींचते समय यह फ़ोन लगातार अच्छा आउटपुट देता है. सब्जेक्ट की डीटेल साफ़ रहती है, स्किन टोन्स नैचुरली बैलेंस्ड लगते हैं और बैकग्राउंड बोकेह भी स्मूद और प्लीजिंग दिखता है. कई बार पोर्ट्रेट शॉट्स इतने क्लीन आए कि लगा यह मोबाइल नहीं, किसी मिररलेस कैमरा से निकला इमेज है.
लेकिन इस फ़ोन का असली सुपरस्टार इसका 200MP APO टेलीफ़ोटो कैमरा है. दूर से शूट करते हुए जिस तरह की शार्पनेस और डीटेल मिलती है, वह इस प्राइस रेंज के किसी भी फोन को टक्कर दे सकती है.
3.5x और 5x पर डीटेल रिटेंशन बहुत स्ट्रॉन्ग है. 10x पर शार्पनेस नैचुरली थोड़ी गिरती है, लेकिन फोटो फिर भी पूरी तरह यूज़ेबल रहती है. सबसे अच्छी बात है इसका स्टेब्लाइजेशन इतना स्टेबल लहै कि दूर के सब्जेक्ट पर ज़ूम करके भी फ्रेम हिलता नहीं. बालकनी से स्ट्रीट शॉट हों या किसी इवेंट में दूर बैठे स्पीकर, हर सिचुएशन में यह टेलीफ़ोटो लेंस रिलायबल लगा.
अल्ट्रा-वाइड कैमरा ठीक है, लेकिन स्टैंडआउट नहीं. इसका आउटपुट यूजेबल है, पर मेन और टेलीफ़ोटो जितना मज़बूत या एक्साइटिंग नहीं लगता. डायनेमिक रेंज एवरेज है और लो-लाइट में डीटेल्स जल्दी गिर जाती है. साफ़ है कि Vivo ने इस जेनरेशन में अपनी मेहनत मेन और टेलीफ़ोटो लेंस पर ज़्यादा फोकस की है.
वीडियो क्वालिटी ओवरऑल अच्छी है. 4K मोड में स्टेब्लाइजेशन स्मूद है, ऑटोफोकस तेज़ी से लॉक होता है और कलर टोन कंसिस्टेंट रहती है. लो-लाइट वीडियो में नॉइज़ थोड़ा बढ़ता है, लेकिन फ्रेम यूजेबल रहता है. Vlogging या reels जैसे वर्क के लिए यह एक भरोसेमंद डिवाइस है.
Extended Lense
Vivo X300 Pro के साथ मिलने वाला ZEISS एक्सटेंडेड लेंस इस फ़ोन के कैमरा सेटअप को एक बिल्कुल अलग लेवल पर ले जाता है. यह कोई आम मोबाइल एक्सेसरी नहीं है, ये फोन को एक तरह का कॉम्पैक्ट कैमरा सिस्टम बना देता है. जब आप इस एक्सटेंडेड लेंस को फोन के बड़े कैमरा सर्कल पर अटैच करते हैं, तो टेलीफ़ोटो की क्लैरिटी, डीटेल और स्टेबिलिटी तीनों बेहतर हो जाती हैं.
खासकर 5x से ऊपर जाने पर जो शार्पनेस नैचुरली गिरती है, उसे यह लेंस काफी हद तक कंट्रोल कर देता है. दूर की बिल्डिंग्स, इवेंट स्टेज, स्पोर्ट्स या स्ट्रीट सीन्सइन सबमें फ्रेम ज्यादा स्टेबल और क्रिस्प मिलता है.
इसके साथ आने वाला ग्रिप फोन को पकड़ने में भी एक DSLR–जैसा कॉन्फिडेंस देता है, जिससे लंबे शॉट भी आसानी से लिए जा सकते हैं. यह फीचर हर यूज़र के लिए नहीं है, लेकिन जो लोग क्रिएटिव शूटिंग करते हैं या टेलीफ़ोटो पर ज्यादा भरोसा करते हैं, उनके लिए यह एक्सटेंडेड लेंस एक ऐसा एडवांटेज देता है जो किसी और स्मार्टफोन में फिलहाल उपलब्ध नहीं है.
Vivo X300 Pro: Battery
बैटरी लाइफ इस फोन के सबसे बैलेंस्ड हिस्सों में से एक है. हैवी कैमरा यूज़ के साथ भी दिन पूरा निकाल लेती है, और फास्ट चार्जिंग की वजह से डाउनटाइम कम हो जाता है. जो लोग ट्रैवल या आउटडोर शूटिंग करते हैं, उनके लिए यह बैटरी बैकअप बिल्कुल सही है.
कमियों की बात करें तो यह बात सबसे पहले आती है कि इस फ़ोन का साइज़ और वेट हर किसी को सूट नहीं करेगा. अल्ट्रा-वाइड कैमरा एवरेज है. सॉफ़्टवेयर और ज्यादा क्लीन हो सकता था. और प्राइस ऐसी है कि यहां कॉम्पैरिजन iPhone और Samsung जैसे ऑल-राउंडर फ़्लैगशिप्स के साथ होने लगता है.
अंत में बात यही है कि Vivo X300 Pro किसके लिए बनाया गया है. अगर आप एक ऐसा फोन ढूंढ रहे हैं जिसका फोकस कैमरा हो, जहां डीटेल, शार्पनेस, स्टेब्लाइजेशन, लो-लाइट और टेलीफ़ोटो कैपेबलिटी टॉप प्रायॉरिटी हों, तो यह फ़ोन अपनी कैटेगरी में बहुत स्ट्रॉन्ग ऑप्शन है. लेकिन अगर आप एक हल्का, एक-हाथ से आसानी से चलने वाला, या कंप्लीटली ऑल-राउंडर डिवाइस चाहते हैं, तो यह शायद आपकी पहली पसंद न बने.
Vivo X300 Pro: Bottom Line
Vivo X300 Pro एक फोन एक ऐसा डिवाइस है जो फोटॉग्रफी को नेक्स्ट लेवल पर ले जाता है. खास तौर पर जब आप इसे एक्स्टेंडेड लेंस के साथ यूज करते हैं. DSLR कैमरा के बिना ही आपको उस लेवल की क्वॉलिटी मिल जाती है. ओवरऑल परफॉर्मेंस भी टॉप नॉच है, लेकिन ये फोन हर किसी के लिए नहीं है. अगर आपका बजट इजाजत देता है तो ये कैमरा लवर्स के लिए शानदार एडिशन हो सकता है.
आज तक रेटिंग: 9/10
मुन्ज़िर अहमद