WhatsApp मैसेज को ट्रेस करना चाहती है सरकार, कंपनी को सुझाया यह तरीका!

WhatsApp मैसेज के ओरिजन को ट्रैक करने के लिए भारत सरकार लगातार कुछ समय से कंपनी पर दबाव डाल रही है. इस बार सरकार ने एक नया तरीका सुझाया है.

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मुन्ज़िर अहमद

  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2019,
  • अपडेटेड 1:35 PM IST

दुनिया भर में WhatsApp के यूजर्स की संख्या 1.5 अरब से भी ज्यादा है. इनमें से ज्यादातर यूजर्स भारत में हैं. पिछले कुछ समय से भारत सरकार लगातार WhatsApp से कह रही है कि मैसेज को ट्रेस करने के लिए कोई टूल लाया जाए, लेकिन WhatsApp इसे लेकर कड़ा रूख अपना चुका है. अब एक बार फिर से ऐसी ही रिपोर्ट आ रही है.

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ET की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने WhatsApp से कहा है कि भेजे गए सभी मैसेज के ऑरिजिन को ट्रेस करने के लिए डिजिटल फिंगरप्रिंटिंग करने को कहा है. ET की इस रिपोर्ट में दो सीनियर ऑफिशियल को कोट किया गया है. उन्होंने कहा है कि WhatsApp को ये जानना चाहिए कि मैसेज का ओरिजिन क्या है और कितने लोगों ने इसे पढ़ा है.

गौरतलब है कि इसके दो पहलू हैं. पहला ये कि डिजिटल फिंगरप्रिंटिंग का मतलब ये नहीं है कि आपके मैसेज पढ़े जा सकेंगे, क्योंकि इससे मैसेज एन्क्रिप्शन में दखलअंदाजी नहीं होती है. ET के मुताबिक सीनियर ऑफिशियल ने कहा है कि WhatsApp मैसेज के फिंगरप्रिंटिंग से मैसेज के ओरिजिनेटर का पता चल सकेगा और सरकार यही चाहती है.

हालांकि इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि सरकार किसी यूजर के मैसेज को पढ़ना नहीं चाहती है, लेकिन जब कोई दिक्कत वाला मैसेज देखा जाए तो उसे WhatsApp के साथ मिल कर ट्रेस किया जा सके. सरकार की तरफ से ऑफिशियल ने ये भी कहा है कि यह संभव है और WhatsApp को तरीका ढूंढना ही होगा. 

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ET की रिपोर्ट में एक दूसरे सरकारी ऑफिशियल को कोट करते हुए कहा गया है, ‘यह ऐक्सेप्टेबल नहीं है कि कोई भी मैसेज को ट्रेस न कर सके. किसी ने किसी को कभी मैसेज ट्रेस करना चाहिए. हम  इंटरनेट पर गुमनामी (Anonymity) की एक लिमिट तक पहुंच गए हैं और इसे अब जाना होगा’

WhatsApp ने हालांकि इस डेवेलपमेंट पर कोई बयान जारी नहीं किया है. लेकिन इससे पहले कई बार WhatsApp ये साफ कर चुका है कि कंपनी के लिए किसी मैसेज के ओरिजिन को ट्रेस या ट्रैक करना असंभव है. चूंकि WhatsApp एंड टु एंड एन्क्रिप्शन वाला प्लेटफॉर्म है, इसलिए WhatsApp को भी यह अख्तियार नहीं है कि वो किसी का मैसेज पढ़ सके या फिर किसी को ट्रेस कर सके.

WhatsApp के एक इंजीनियर जब भारत आए थे तो भी उन्होंने कहा था कि अगर WhatsApp में किसी मैसेज को ट्रेस या ट्रैक करने का टूल आता है तो WhatsApp की पहचान ही मिट जाएगी. WhatsApp को प्राइवेट मैसेजिंग ऐप के तौर पर जाना जाता है और यही इसकी पहचान भी है.

आपको बता दें कि WhatsApp यूजर का डेटा स्टोर नहीं करता है. लेकिन अगर भारत द्वारा सुझाए गए डिजिटल फिंगरप्रिंग को अगर कंपनी मानती है तो इसे यूजर डेटा को स्टोर करना होगा और इसके लिए WhatsApp को बड़े बदलाव करने होंगे. लेकिन अभी तक ऐसा लगता नहीं है कि WhatsApp सरकार के इस सुझाव को मानने के मूड में है, क्योंकि हाल ही में प्राइवेसी को लेकर फेसबुक की आलोचना हुई है और इस कदम से एक बार फिर से फेसबुक प्राइवेसी एक्सपर्ट्स और प्राइवेसी पंसद करने वालों के निशाने पर आ जाएगा.

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