वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉफ्टवेयर बना कर जीत सकते हैं 2.4 करोड़ रुपये, सरकार दे रही मौका

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की डिमांड तेजी से बढ़ रही है. Zoom पर भरोसा किया नहीं जा सकता है. ऐसे में सरकार ने एक इनोवेशन चैलेंज शुरू किया है जिसके तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉल्यूशन बनाने के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं. हालांकि यहां एंड टु एंड एन्क्रिप्शन का जिक्र नहीं है.

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वीडियो कॉलिंग ऐप बनाने के लिए आवेदन शुरू वीडियो कॉलिंग ऐप बनाने के लिए आवेदन शुरू

मुन्ज़िर अहमद

  • नई दिल्ली,
  • 16 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 5:10 PM IST

भारत सरकार चाहती है कि Zoom जैसा वीडियो कॉलिंग प्लेटफॉर्म भारतीय कंपनियां बनाएं और इसके लिए उन्हें फंड किया जाएगा. सरकार ने इसके लिए आवेदन लेने शुरू कर दिए हैं जिसकी आखिरी तारीख 30 अप्रैल तक है.

कोरोना वायरस से मची दुनिया भर में तबाही के बाद लगभग हर देश में लॉकडाउन की स्थिति है. भारत में लॉकडाउन बढ़ा कर अब 3 मई कर दिया गया है. वीडियो कॉलिंग प्लेटफॉर्म Zoom इन दिनों दुनिया भर में पॉपुलर हो रहा है.

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ताजा डेवेलपमेंट ये है कि गृह मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी करके लोगों को Zoom सावधानी से यूज करने को कहा है. गृह मंत्रालय द्वारा ये भी कहा गया है कि ये ऐप सुरक्षित नहीं है.

इस एडवाइजरी में पासवर्ड बदलने से लेकर इस ऐप को यूज करने के सुरक्षित तरीकों के बारे में बताया गया है.

Zoom प्राइवेसी के मामले में काफी कमजोर साबित हुआ है. आलम ये है कि हाल ही में लगभग 5 लाख जूम यूजर्स का डेटा 10 पैसे से भी कम में डार्क वेब पर बेचा जा रहा था. हालांकि कंपनी लगातार इसे सिक्योर और प्राइवेसी फोकस्ड बनाने का काम कर रही है.

10 टीम को पहले फेज में प्रोटोटाइप बनाने के लिए दिए जाएंगे 5 लाख रुपये

केंद्र सरकार ने एक नया प्रोग्राम लॉन्च किया है. ये दरअसल भारत की टेक कंपनियों के लिए जो इसमें हिस्सा ले सकती हैं. सरकार चाहती है कि भारत में ही एन्क्रिप्टेड वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म तैयार किया जाए जो कंप्यूटर, लैपटॉप से लेकर सभी प्लेटफॉर्म पर काम करे.

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30 तारीख तक कर सकते हैं आवेदन

गौरतलब है कि इस प्रोजेक्ट में रजिस्टर करने की आखिरी तारीख 30 अप्रैल है. ये तीन चरणों में होगा और प्रक्रिया पूरी होने पर एक टीम को 1 करोड़ रुपये इस ऐप के डेवेलपमेंट के लिए दिया जाएगा. इसके बाद हर साल डेवेलपमेंट के लिए 10 लाख रुपये एडिशनल दिए जाएंगे.

इसमें हिस्सा लेने के लिए Mygov.in पर जा सकते हैं. या आप इस दिए गए लिंक को क्लिक करके डायरेक्ट इस पेज पर जा सकते हैं.

यहां सबसे पहले आपको लॉगइन करना होगा, इसके बाद इस ऐप बनाने के बारे में विस्तार से बाताया गया है. https://startups.meitystartuphub.in/public/application/inc/5e92ec1269e3401cd7bc6db7

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सल्यूशन बनाने के लिए सरकार ने कुछ प्वॉइंट्स बताए हैं. यानी जो टीम ये कंपनी इस वीडियो कॉलिंग प्लेटफॉर्म तैयार करेंगे उन्हें अपने ऐप या सॉफ्टवेयर में ये फीचर्स देने होंगे.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉफ्टवेयर में ये फीचर्स होने जरूरी हैं, एंड टु एंड एन्क्रिप्शन का नहीं है जिक्र.

--- हर तरह का वीडियो रेज्योलुशन का सपोर्ट, लो और हाई नेटवर्क की स्थिति में भी काम करने लायक हो.

--- पावर और प्रोसेसर का इस्तेमाल कम होना चाहिए.

--- इसके लिए किसी एक्स्टर्लन यानी अगल से हार्डवेयर लगाने की जरूरत न हो.

--- ये वीडियो कॉलिंग सॉफ्टवेयर किसी भी डिवाइस में काम करने लायक हो.

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--- वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान चैट ऑप्शन होना चाहिए, अगर एक साथ कई लोग हों तो भी.

--- कॉन्फ्रेंस ज्वॉइन करने के लिए साइन इन और बिना साइन इन का ऑप्शन होना चाहिए.

--- इस वीडियो कॉलिंग सल्यूशन ब्राउजर और ऐप बेस्ड होना चाहिए.

--- नेटवर्क कम्यूनिकेशन एन्क्रिप्टेड होना चाहिए.

--- इसमें ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग फीचर भी होना चाहिए.

--- इसमें स्क्रीन और फाइल शेयरिंग फीचर का भी होना जरूरी है.

--- वीडियो चैट के दौरान अलग अलग भाषाओं में कैप्शन का ऑप्शन होना चाहिए.

---अलग अलग वीडियो कॉन्फ्रेंस को होस्ट करने की क्षमता हो जिसमें एक से ज्यादा पार्टिसिपेंट्स हों.

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