जानें भूकंप की स्थिति में कैसे काम आएगा आपका एंड्रॉयड फोन?

भूकंप आने की स्थिति में आमतौर पर लोग न्यूज चैनल या बेवसाइट्स या ट्विटर चेक करते हैं. हालांकि, अब एंड्रॉयड यूजर्स के लिए गूगल एक नई तैयारी कर रहा है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 9:03 PM IST
  • अलर्ट भेजने की शुरुआत कैलिफोर्निया से की जाएगी
  • स्मार्टफोन्स छोटे एक्सीलेरोमीटर के साथ आते हैं जो भूकंप को सेंस कर सकते हैं

भूकंप आने की स्थिति में आमतौर पर लोग न्यूज चैनल या बेवसाइट्स या ट्विटर चेक करते हैं. हालांकि, अब एंड्रॉयड यूजर्स के लिए गूगल एक नई तैयारी कर रहा है. गूगल द्वारा एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर्स के लिए अर्थक्वेक वार्निंग टूल्स ऐड किया जा रहा है. इसमें सैमसंग Galaxy सीरीज के स्मार्टफोन्स शामिल हैं.

यूएसए टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल ने कहा है कि वो एंड्रॉयड डिवाइसेज में अर्थक्वेक अलर्ट्स भेजने के लिए U.S. जियोलॉजिकल सर्वे के साथ मिलकर काम करना शुरू कर रहा है. अलर्ट भेजने की शुरुआत कैलिफोर्निया से की जाएगी. कैलिफोर्निया में एंड्रॉयड की ओर से फोन्स के लिए अलर्ट ShakeAlert अर्थक्वेक अर्ली वॉर्निंग सिस्टम के जरिए भेजे जाएंगे.

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गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, 'दुनियाभर में प्राकृतिक आपदाओं का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में हमने सोचा कि एंड्रॉयड डिवाइसेज की मदद ली जा सकती है. भूकंप जैसी स्थिति में लोगों को कुछ सेकेंड पहले अलर्ट भेजकर उन्हें और उनके प्रियजनों को सुरक्षित रहने में मदद की जा सकती है.

कंपनी ने कहा कि भूकंप आने पर उसे डिटेक्ट करने और अलर्टिंग सिस्टम को एडवांस्ड सिग्नल्स भेजने के लिए एंड्रॉयड फोन्स को मिनी सिस्मोमीटर में बदला जा सकता है. गूगल ने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि हम इसे एंड्रॉयड अर्थक्वेक अलर्टिंग सिस्टम कह रहे हैं.

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कंपनी ने कहा कि ज्यादातर स्मार्टफोन्स छोटे एक्सीलेरोमीटर के साथ आते हैं जो भूकंप को सेंस कर सकते हैं. साथ ही कंपनी ने ये भी कहा कि यहां तक कि ये P-वेव डिटेक्ट करने में भी सक्षम हैं. जोकि भूकंप शुरू होने के बाद सबसे पहले वेव होते हैं और ये बाद में आने वाले S-वेव की तुलना में काफी कम डैमेजिंग होते हैं.

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अगर फोन किसी ऐसी चीज को डिटेक्ट करता है, जिसे भूकंप माना जाए, तो ये तुरंत गूगल के अर्थक्वेक डिटेक्शन सर्वर को एक सिग्नल देगा. साथ में जहां भूकंप जैसे लक्षण नजर आए हैं वहां कि लोकेशन भी भेजेगा. इसके बाद सर्वर बाकी फोन्स से मिली जानकारियों को कंबाइन कर ये समझने की कोशिश करेगा कि क्या वाकई भूकंप आ रहा है.

गूगल ने कहा है कि अगर आपको ऐसा लगे कि आपके आसपास भूकंप आया है. तो अब से आप गूगल सर्च बार में earthquake या earthquake near me के सर्च रिजल्ट देख पाएंगे.

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