यस बैंक संकट को लेकर कांग्रेस का केंद्र की मोदी सरकार पर हमला जारी है. कांग्रेस नेताओं ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए यस बैंक संकट पर सवाल उठाए. कांग्रेस का कहना है कि जब यस बैंक के बोर्ड में रिजर्व बैंक का नॉमिनी था तो फिर वो क्या कर रहा था. नॉमिनी के होते हुए यस बैंक की स्थिति ऐसे कैसे हो गई.
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि पिछले छह वर्षों में मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है और आम आदमी भी ठगा गया है. खुद का पैसा निकालने के लिए बैंकों के सामने लंबी कतार लग रही है. क्या पीएम मोदी दोबारा चुनाव जीतने के बावजूद देश की जनता को सजा दे रहे हैं.
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बैंक फ्रॉड के डाटा की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि 2015-16 के बीच ये 18,699 करोड़ था जो 2018-19 में बढ़कर 71,500 करोड़ हो गया. पवन खेड़ा ने कहा कि क्रेडिट सुइस की रिपोर्ट के मुताबिक, मोदी सरकार ने 7.77 लाख करोड़ के कर्ज को माफ किया है. 6 महीने पहले हमने पीएमसी बैंक फ्रॉड का मामला देखा. इसी तरह ILFS भी दिवालिया हो गई.
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उन्होंने कहा कि हमारे पीएसयू (पब्लिक सेक्टर यूनिट) की मेहनत की कमाई आईडीबीआई जैसी विफल संस्थाओं में डाली गई. आप मनमोहन सरकार के दौरान की अर्थव्यवस्था को देखिए और आज की अर्थव्यवस्था को देखिए. मोदी कैबिनेट पूरी तरह से अव्यवस्थित है. पवन खेड़ा ने कहा कि नोटबंदी के बाद आज हर जगह आर्थिक आपातकाल देखी जा सकती है.
चिदंबरम ने भी बोला हमला
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता चिदंबरम ने आरोप लगाया कि एनडीए राज में बैड लोन में चार गुना इजाफा हुआ है. नोटबंदी ने हालात को और बिगाड़ दिया है. उन्होंने पूछा कि क्या यह सही है कि एसबीआई यस बैंक में निवेश का अवसर तलाश रही है? एसबीआई को यस बैंक में निवेश क्यों करना चाहिए?
पी. चिदंबरम ने कहा, "वास्तविक डेट अब उपलब्ध हैं. मार्च 2014 के अंत में लोन 55,633 करोड़ रुपये था, जो मार्च 2019 के अंत बढ़कर 2,41,499 करोड़ रुपया हो गया है. मार्च 2017 के अंत में यह आंकड़ा 1.48,675 रुपये था, जो बढ़कर मार्च 2019 के अंत में 2,41,499 हो गया. नोटबंदी के बाद लोन ने छलांग लगाई है."
आनंद पटेल