वैसे तो 2018 में सुप्रीम कोर्ट के कई बड़े फैसले चर्चा में रहे लेकिन उनमें सबसे ज्यादा सुर्खियां आधार कार्ड से जुड़े फैसले ने बटोरीं. वहीं सरकार की ओर से भी कई ऐसे फैसले या बदलाव किए गए जिसने करोड़ों लोगों को राहत दी. आज हम उन्हीं बदलाव और फैसलों के बारे में बताने जा रहे हैं.
आधार कार्ड से जुड़े बदलाव
इस साल शुरुआती नौ महीनों तक आधार कार्ड की अनिवार्यता और निजता के अधिकार को लेकर खूब बहस हुई. सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में फैसला सुनाते हुए कहा कि आधार कार्ड संवैधानिक है, लेकिन कहीं पर भी इसे अनिवार्य नहीं किया जा सकता है. यानी आधार कार्ड एक पहचान के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. कोर्ट के फैसले के बाद मोबाइल नंबर लेने, बैक खाता खुलवाने के लिए आधार कार्ड का होना अनिवार्य नहीं है. अगर किसी के पास आधार कार्ड नहीं है, तब भी वह खाता खुलवा सकता है. लेकिन आयकर रिटर्न भरने के लिए आधार कार्ड अभी भी जरूरी है. वहीं स्कूलों और अलग-अगल परीक्षाओं में भी आधार की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है.
पैन कार्ड आवेदन पत्र में बदलाव
इस साल पैन कार्ड के आवेदन पत्र में दो बार बदलाव किया गया. पहले बदलाव के तहत फॉर्म में एक नया कॉलम जोड़ा गया. यह कॉलम ट्रांसजेंडर के लिए है. दूसरे बदलाव के तहत फॉर्म में पिता के नाम की अनिवार्यता को समाप्त कर दी गई. अब अगर आवेदक की मां सिंगल पैरंट है, तो फॉर्म में पिता का नाम भरना अनिवार्य नहीं रह गया है.
साल के आखिरी महीने में मोदी सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत सभी गरीब परिवारों को नि:शुल्क LPG कनेक्शन मुहैया कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इससे पहले 2011 की सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना के आधार पर एलपीजी गैस दिए जा रहे थे. बाद में बढ़ाकर अनुसूचित जाति एवं जनजाति परिवारों और प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को भी शामिल कर दिया गया था. सरकार के नए फैसले के बाद अब हर गरीब परिवार को फ्री में LPG कनेक्शन मिलेगा.
पीएफ को लेकर बदलाव
इस साल पीएफ विद्ड्रॉअल के नए नियम लागू हुए हैं. नए नियम के तहत अगर किसी मेंबर की नौकरी चली जाती है तो वह 1 माह के बाद पीएफ अकाउंट से 75 फीसदी पैसा निकाल सकता है. पहले बेरोजगार होने के 2 महीने बाद ही पीएफ का पैसा निकाल सकते थे. नए नियम के बाद अब अगर बेरोजगार शख्स को दोबारा नौकरी मिल जाती है तो उसका पीएफ अकाउंट में कंट्रीब्यूशन फिर से शुरू हो जाएगा जबकि पहले अकाउंट बंद हो जाता था.
इस साल नेशनल पेंशन स्किम (NPS) अकाउंट में सरकार ने कई बड़े बदलाव किए . दरअसल, सरकार ने अपना कंट्रीब्यूशन बढ़ा दिया है. अब तक सरकार और कर्मचारियों का योगदान एनपीएस में 10-10 फीसदी था. लेकिन नए बदलाव के बाद सरकार का योगदान 10 फीसदी से बढ़कर 14 फीसदी हो गया है. वहीं, कर्मचारियों का न्यूनतम योगदान 10 फीसदी बना रहेगा. इसके अलावा रिटायरमेंट के बाद NPS अकाउंट से 60 फीसदी रकम निकालने को मंजूरी दी गई और इस रकम को टैक्स-फ्री भी कर दिया गया.
ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े बदलाव
अब ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी और इंश्योरेंस सर्टिफिकेट जैसे दूसरे दस्तावेजों साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं है क्योंकि ये डॉक्युमेंट अब इलेक्ट्रॉनिक रूप में भी ये स्वीकार होंगे. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने हाल ही में राज्यों को इस संबंध में आदेश दिया है.
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