शी जिनपिंग दूसरी बार बने चीन के राष्ट्रपति, कम्युनिस्ट पार्टी के संविधान में नाम भी शामिल

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को एक बार फिर से चीन का राष्ट्रपति चुन लिया गया है. लगातार दूसरे कार्यकाल के साथ ही जिनपिंग चीन से सबसे शक्तिशाली नेताओं में शुमार हो गए हैं.

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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग

केशवानंद धर दुबे / अनंत कृष्णन

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  • 24 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 11:13 AM IST

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को एक बार फिर से चीन का राष्ट्रपति चुन लिया गया है. लगातार दूसरे कार्यकाल के साथ ही जिनपिंग चीन से सबसे शक्तिशाली नेताओं में शुमार हो गए हैं. जिनपिंग का कद और बढ़ाते हुए उनका नाम कम्युनिस्ट पार्टी के संविधान में भी शामिल कर लिया गया है. सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने पिछले एक सप्ताह से चल रहे सम्मेलन के बाद 64 साल के जिनपिंग के दूसरे कार्यकाल पर मुहर लगाई.

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कम्युनिस्ट पार्टी का यह सम्मेलन पांच साल में एक बार होता है. इस सम्मेलन में 2,350 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. सभी की सहमति से जिनपिंग का नाम उनके वैचारिक योगदान के लिए पार्टी संविधान में शामिल किया गया. अभी तक यह सम्मान कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओ जेदोंग और उनके उत्तराधिकारी देंग शियोपिंग को ही मिला था.  सम्मेलन ग्रेट हॉल ऑफ पीपल में संपन्न हुआ, जिसे चीन के कम्युनिस्ट नेतृत्व का सत्ता केंद्र समझा जाता है.

शी चीन के सबसे शक्तिशाली नेता बनें

शी को हाल के वक्त में चीन का सबसे शक्तिशाली नेता समझा जाता है. वह राष्ट्रपति होने के साथ-साथ पार्टी और सेना के भी प्रमुख हैं. समझा जाता है कि शी वर्ष 2022 में अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने के बाद सेवानिवृत्त होंगे. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के पदक्रम में शी और प्रधानमंत्री ली क्विंग (62) क्रमश: पहले और दूसरे नंबर पर हैं. दोनों ही पांच-पांच साल के दो कार्यकाल के आधार पर शीर्ष नेतृत्व पर बने रहेंगे. देश पर शासन करने वाली पार्टी की सात सदस्यीय स्टैंडिंग कमेटी के लिए पांच नए सदस्य चुने जाएंगे. शी और ली ने वर्ष 2012 में सत्ता संभाली थी और दोनों नेता 2022 तक सत्ता में बने रहेंगे.

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बनेगी नई स्टैंडिंग कमेटी

जिनपिंग के नए कार्यकाल के साथ ही नई स्टैंडिंग कमेटी भी बनाई जाएगी. इसका ऐलान बुधवार को किया जाएगा. नई स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य मीडिया के सामने औपचारिक तौर पर पेश होंगे. हांगकांग मीडिया की खबरों में कहा गया है कि कांग्रेस में शी की राह शायद आसान न हो, क्योंकि भ्रष्टाचार विरोधी व्यापक अभियान का नेतृत्व करने वाले शी के करीबी सहायक वांग क्विशान के स्टैंडिंग कमेटी से इस्तीफा देने की संभावना है. इससे इन अटकलों पर एक तरह से विराम लगता है कि उनके लिए 68 साल में सेवानिवृत्ति संबंधी नियम को दरकिनार किया जाएगा.

स्टैंडिंग कमेटी में हो सकते हैं पांच सदस्य

इसके अलावा कांग्रेस स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों की संख्या सात रख सकती है. बताया जाता है कि शी इन सदस्यों की संख्या घटाकर पांच रखने के पक्षधर हैं. खबरों में कहा गया है कि सात सदस्यीय नई समिति पार्टी में विभिन्न गुटों के बीच अधिकारों का संतुलन बनाए रख सकती है. हालांकि शी स्टैंडिंग कमेटी में अपने कुछ करीबी सहयोगियों को शामिल करने के साथ ही शक्तिशाली बने रह सकते हैं.

तीसरा कार्यकाल भी है संभव

बहरहाल, इस तरह की भी अटकलें हैं कि वह सेवानिवृत्ति की परंपरा को तोड़ सकते हैं और पार्टी में अपनी शक्तिशाली स्थिति को देखते हुए तीसरे कार्यकाल के लिए विचार कर सकते हैं. शी सीपीसी के संविधान में अपने विचारों को शामिल कर सकते हैं. कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओ जेदोंग और उनके उत्तराधिकारी देंग शियोपिंग ने ऐसा ही किया था. पूर्व चीनी नेता हू जिंताओ और जियांग ज़ेमिन ने भी अपने विचारों को संविधान में शामिल किया था लेकिन माओ और देंग के विपरीत, उनके नाम शामिल नहीं किए गए थे.

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