हाल ही में यूपी में संपन्न हुए ग्राम प्रधान चुनावों में 44 फीसदी पदों पर महिलाओं ने कब्जा किया और इस क्षेत्र में पुरुषों का वर्चस्व तोड़ महिला सश्कितकरण की नई मिसाल पेश की है. प्रधान पदों पर आरक्षित कोटे से लगभग 11 प्रतिशत अधिक 43.86 फीसदी सीटों पर विजय हासिल करके महिलाओं ने अपनी धाक बनाई है. जबकि, चुनावों में महिलाओं का कोटा 33 प्रतिशत ही था.
राज्य निर्वाचन आयु्क्त ने माना महिला सश्क्तिकरण
राज्य निर्वाचन आयु्कत सतीश अग्रवाल ने इसे महिला सश्कितकरण कहा है. उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि महिलाएं भविष्य में राज्य में अपनी बड़ी भूमिका निभाएंगी
मुस्लिम इलाकों में भी महिलाओं का दबदबा
मुस्लिम बाहुल्य जिलों संभल, रामपुर एवं मुरादाबाद में भी महिलाएं आगे रहीं, यहां 50 फीसदी से ज्यादा प्रधान पदों पर महिलाएं चुनी गईं.
संभल सबसे आगे तो मथुरा पीछे
महिलाओं को ग्राम प्रधान का मौका देने में राज्य का संभल जिला सबसे आगे रहा. यहां पर 54.5 प्रतिशत गांवों में महिलाएं प्रधान बनीं जबकि मथुरा में केवल 36.7 प्रतिशत ग्रामों में ही महिलाएं प्रधान बन पाईं.
पीएचडी धारक भी बने ग्राम प्रधान
नए प्रधान बनने वालों में 19 पीएचडी धारक भी हैं जिनमें 15 पुरुष और 4 महिलाएं हैं. हालांकि राजधानी लखनऊ से कोई पीएचडी धारक प्रधान नहीं बन पाया है.
अकरम शकील