गुजरात में पाटीदार आंदोलन के प्रमुख चेहरे के तौर पर उभरे हार्दिक पटेल क्या 17 जनवरी को उदयपुर से रिहा होते ही फिर से गिरफ्तार होंगे. राजस्थान पुलिस द्वारा शनिवार को की गई कारर्वाई के बाद ऐसी बातें तेजी से उठ रही हैं. ऐसी भी आशंका जताई जा रही है कि हार्दिक पटेल के जुलूल और हिम्मतनगर की रैली को रोकने के लिए भी ऐसा किया जा सकता है. हार्दिक पटेल को राजसमन्द की देलवाडा पुलिस ने एक पुराने मामले में जांच-पड़ताल के लिए तलब किया है.
20 जुलाई को हार्दिक पटेल जब नाथद्वारा से अपना जन्मदिन मना कर उदयपुर लौट रहे थे तब देलवाड़ा के टोल नाके पर उनके और उनके समर्थकों द्वारा टोल नहीं चुकाने का मामला देलवाडा थाने में दर्ज हुआ था. देलवाडा पुलिस ने इस मसले पर हार्दिक पटेल और उनके 11 समर्थको को पूछताछ के बाद छोड़ दिया था. मगर हार्दिक पटेल की रिहाई से ठीक पहले उस मामले में राजस्थान पुलिस ने एक बार फिर से हार्दिक को तलब किया था. इस दौरान हार्दिक पटेल अपने समर्थको के साथ देलवाडा थाने पहुचे जहां देलवाडा थाना प्रभारी ने उनसे फिर से पूछताछ की. करीब 1 घंटे की पूछताछ के बाद पुलिस ने हार्दिक पटेल और उनके समर्थको से बयान लेकर छोड़ दिया.
इस अवसर हार्दिक ने मीडिया से बातचीत करते हुए साफ किया कि उनका कानून पर पूरा विश्वास है और उन्होंने पुलिस के साथ पूरा सहयोग किया है. वे खुद से किए गए सवालों का जवाब दे चुके हैं. हार्दिक के कहे अनुसार उन पर लगी धाराएं किसी के इशारों पर लगायी गयी हैं. वे खुद को बेकसूर बताते हैं. हार्दिक ने इस मौके पर बीजेपी पर निशाने साधते हुए कहा कि वे लोगों को डराने के लिए जेल और दबाव का इस्तेमाल कर रहे हैं. ताकि लोग डर कर घर में बैठ जायें.
आज तक से खास बातचीत
हार्दिक पटेल ने आजतक से बातचीत में कहा कि यह 20 जुलाई का केस था जिस पर पुलिस की ओर से सम्मन भेजा गया है. मैंने यहां आकर अपना बयान दर्ज करवाया है. जो भी कानून की प्रक्रिया होती है उसमें मदद करना अच्छा लगता है. वे कानून और न्याय पर विश्वास रखते हैं. वे कहते हैं कि देश में कोई भी व्यक्ति किसी के भी इशारे पर कोई भी धारा लगा देता है. लेकिन उन्होंने कोई गुनाह नहीं किया है. उन्होंने सारा मामला कोर्ट के हवाले छोड़ दिया. यह मामला 6 महीने पहले का है.
गौरतलब है कि हार्दिक पटेल पिछले कई महीनों से उदयपुर में है मगर पुलिस ने कभी भी पूछताछ की जरुरत नहीं समझी. अब जब कि वे घर वापसी करने वाले हैं. ऐसे में इस तरह की एक्शन को संदेह की नजरों से देखा जा रहा है. हार्दिक पटेल इससे पहले पुलिस पर अमित शाह के इशारे पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था.
शरत कुमार