विश्वभारती यूनिवर्सिटी में हंगामे के बाद बोलीं CM ममता- कैंपस में नहीं चाहती कोई निर्माण

विश्वभारती यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पिछले हफ्ते एक दीवार का निर्माण शुरू कराया था जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं. दीवार का निर्माण एक मेला ग्राउंड के समीप कराया जा रहा है, जिसके विरोध में लोगों ने यूनिवर्सिटी कैंपस में जमकर प्रदर्शन किया.

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल-पीटीआई) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल-पीटीआई)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 12:25 AM IST

  • अब वहां कोई घटना नहीं होनी चाहिएः ममता बनर्जी
  • मेला ग्राउंड के समीप निर्माण का लोग कर रहे विरोध
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित शांति निकेतन की विश्वभारती यूनिवर्सिटी में बवाल मचा हुआ है. एक मेला ग्राउंड के समीप दीवार निर्माण का स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं. इस बीच राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ किया कि वह नहीं चाहतीं कि विश्वभारती यूनिवर्सिटी कैंपस में किसी तरह का कोई निर्माण कार्य हो.

विश्वभारती यूनिवर्सिटी में निर्माण को लेकर हंगामे के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, 'मैं विश्वभारती यूनिवर्सिटी में किसी तरह का निर्माण कार्य नहीं चाहती हूं. अब वहां पर कोई घटना नहीं होनी चाहिए.'

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एक मेला ग्राउंड के समीप दीवार निर्माण का स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं. इन प्रदर्शनकारियों ने वहां स्थित कई ऐतिहासिक ढांचों को तोड़ दिया जबकि निर्माण स्थल पर ईंट और सीमेंट को उठाकर फेंक दिया.

विश्वभारती यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पिछले हफ्ते एक दीवार का निर्माण शुरू कराया था जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं. दीवार का निर्माण एक मेला ग्राउंड के समीप कराया जा रहा है, जिसके विरोध में लोगों ने यूनिवर्सिटी कैंपस में जमकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने आसपास के कई ऐतिहासिक ढांचों को तोड़ दिया.

प्रदर्शनकारियों ने वहां पर अभी तक जितनी दीवार बनकर तैयार हुई थी, उसे तोड़ दिया. साथ ही उस इलाके में जितने ढांचे सामने आए उसे भी खासा नुकसान पहुंचाया.

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शांति निकेतन में करीब 100 बीघा जमीन खाली पड़ी हुई है, और यहां पर किसी प्रकार की रोक टोक नहीं है. इस ग्राउंड पर मेला लगता था. जिस ग्राउंड पर सालाना पौष मेला लगता है उसके आसपास परिसर के निर्माण के लिए 61 लाख रुपये मंजूर भी कर लिए गए थे.

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स्थानीय लोग ग्राउंड का इस्तेमाल सुबह की सैर के लिए करते हैं. यहां तक कि रोक के बावजूद हर रोज शाम 5 बजे के बाद लोग चहलकदमी करते रहते हैं. जिस दिन दीवार निर्माण का काम शुरू किया गया उस दिन यूनिवर्सिटी के कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती भी मौजूद थे.

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