शादियों के सीजन में ठंडा पड़ा दिल्ली का वेडिंग व्यापार

डीजल जेनरेटर बैन होने से भव्य शादी समारोहों के लिए इस बार लोग दिल्ली नहीं बल्कि गुरुग्राम और नोएडा का रुख कर रहे हैं और इसका खामियाजा बैंक्वेट हॉल ओनर्स से लेकर टेंट हाउस मालिकों तक को उठाना पड़ रहा है.

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डीजल बैन के चलते दिल्ली में शादियों से रौनक गायब डीजल बैन के चलते दिल्ली में शादियों से रौनक गायब

रोशनी ठोकने

  • नई दिल्ली,
  • 05 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:52 PM IST

दिल्ली में शादियां तो होंगी, लेकिन डीजल जेनरेटर पर बैन की वजह से इस सीजन शादियों में रौनक नजर नहीं आएगी. वेडिंग प्लानर से लेकर दूल्हा-दुल्हन तक सबको यही चिंता सता रही है कि कहीं उनके फंक्शन में कोई खलल ना पड़ जाए.

लिहाजा डीजल जेनरेटर बैन होने से भव्य शादी समारोहों के लिए इस बार लोग दिल्ली नहीं बल्कि गुरुग्राम और नोएडा का रुख कर रहे हैं और इसका खामियाजा बैंक्वेट हॉल ओनर्स से लेकर टेंट हाउस मालिकों तक को उठाना पड़ रहा है.

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ऑल इंडिया टेंट डेकोरेटर्स वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन मोहन सेठ के मुताबिक, "डीजल जेनरेटर बैन होने के बाद बिजनेस पर बुरा असर पड़ा है. मार्च तक ही शादियों का सीजन होता है. ऐसे में अब कोई नई बुकिंग नहीं हो रही है, क्योंकि जेनसेट बैन है. जिन लोगों ने पहले से बुकिंग कर रखी थी, उनके फंक्शन में भी दिक्कतें आ रही हैं. बैंक्वेट हॉल की कूलिंग मेनटेन करना एक बड़ा चैलेंज है. बेशक सर्दियां शुरू हो गई हैं, लेकिन किसी फंक्शन में बिजली चली जाए, कोई दुर्घटना हो जाए तो कस्टमर तो नाराज होगा ही और उनका फंक्शन खराब हो जाएगा सो अलग.

EPCA ने नहीं ली कारोबारियों की राय

क्वात्रा टेंट हाउस के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रवीण क्वात्रा ने आजतक को बताया कि जेनसेट बैन का फैसला लेते वक्त EPCA को एकबार शादी-ब्याह के कारोबार से जुड़े लोगों की भी राय लेनी चाहिए थी. दिल्ली में लोग 6-6 महीने पहले बुकिंग कर लेते हैं, ताकि उन्हें किसी तरह दिक्कत न हो. लेकिन अब लोग परेशान हैं, बार बार उनके फोन आ रहे हैं और हमारे पास कोई आप्शन नहीं है.

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मैरेज वेन्यू के लिए गुरुग्राम, नोएडा भाग रहे दिल्ली के लोग

नोएडा के वेडिंग प्लानर राहुल के कहते हैं, "पूर्वी दिल्ली और साउथ दिल्ली के बहुत से लोगों ने अप्रोच किया है. लेकिन जिन तारीखों पर शादियां हैं, उन तारीखों पर नोएडा के भी वेन्यू बुक हैं. इसीलिए लोग विकल्प तलाश रहे हैं, ताकि उनके घर की शादी की रौनक बरकरार रहे."

शादी के मौके पर जेनसेट चलाने की अनुमति देने के लिए DPCC और EPCA को ढेरों आवेदन मिले हैं. लेकिन EPCA ने सभी आवेदनों को खारिज करते हुए कहा है कि प्रदूषण से निपटने की इस लड़ाई में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी. लोगों को शादी के आयोजन में दिक्कत न हो इसलिए EPCA ने DISCOM से कहा है कि लोगों को जेनसेट के बदले 50 KV का टेम्परेरी कनेक्शन जल्द उपलब्ध कराए. साथ ही लोगों से अपील की है कि वो एलईडी लाइटों का इस्तेमाल करें, ताकि बिजली की खपत कम से कम हो.

लेकिन वेडिंग प्लानर्स की मानें तो 50 kv के कनेक्शन से भी उनकी मुश्किलें हल नहीं होंगी. शुभ मुहूर्त पर कई शादियां होती हैं. ऐसे में बिजली की जरूरत भी बढ़ जाती है. जरा सोचिए अगर जयमाला के वक्त अचानक बिजली ट्रिप कर जाए तो हमारी क्या इज्जत रह जाएगी. 500-800 लोगों की मौजूदगी में बैक-अप के बिना कोई भी कार्यक्रम करना रिस्की होता है. तमाम सुरक्षा इंतजामों के बावजूद शादियों में अक्सर चोरी की घटनाएं भी होती रहती हैं. इसीलिए एहतियातन जेनसेट जरूरी होता है.

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