ट्रंप का ऐलान- US के दुश्मनों को नहीं करेंगे माफ, इस्लामिक आतंकवाद को हराकर दम लेंगे

अमेरिकी राष्ट्रपति का ये बयान उस वक्त आया है जब उनके पिछले राष्ट्र के संबोधन को किसी दूसरे बड़े हमले से पीछे हटने से जोड़ा जा रहा था.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फोटो: PTI) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फोटो: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 9:23 AM IST

  • अमेरिकी राष्ट्रपति का ईरान पर बड़ा हमला
  • इस्लामिक आतंकवाद पर एक्शन जारी रहेगा: ट्रंप
  • अमेरिका के दुश्मनों को माफ नहीं करेंगे: ट्रंप

ईरान के साथ लगातार बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर खुली चुनौती दी है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि जबतक मैं राष्ट्रपति हूं तबतक अमेरिका के दुश्मनों के खिलाफ कार्रवाई लेने में कोई हिचकिचाहट नहीं होगी. अमेरिकी राष्ट्रपति का ये बयान उस वक्त आया है जब उनके पिछले राष्ट्र के संबोधन को किसी दूसरे बड़े हमले से पीछे हटने से जोड़ा जा रहा था.

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शुक्रवार को ओहियो में एक रैली को संबोधित करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने अपने समर्थकों के सामने बड़ा बयान दिया. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका के दुश्मनों के खिलाफ कोई भी एक्शन लेने से हम कभी भी नहीं हिचकेंगे, हम कभी भी कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ एक्शन लेना बंद नहीं करेंगे.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने यहां कहा कि अबतक हम दूसरे देशों को बनाते थे, लेकिन अब वक्त आ गया है कि अपना देश खड़ा किया जाए. उन्होंने अपनी विरोधी पार्टी डेमोक्रेट्स पर भी जमकर निशाना साधा और कहा कि विपक्षी पार्टी आज हाई टैक्स, खुले बॉर्डर, क्राइम को बढ़ावा देने का काम करना चाहती है.

गौरतलब है कि ईरान के द्वारा इराक में मौजूद अमेरिकी एयरबेस पर किए गए हमले के बाद दोनों देशों में तनाव चरम पर है. पहले अमेरिका ने ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी को मार गिराया और उसके बाद ईरान बदला लेने में लगा हुआ है. ईरान ने पहले 22 बैलेस्टिक मिसाइल दागी और फिर उसके बाद लगातार वह बगदाद में अमेरिकी दूतावास के पास रॉकेट बरसा रहा है.

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सुलेमानी को मारना जरूरी था: US

अमेरिका ने कहा है कि वह बिना किसी कठोर पूर्व शर्त के ईरान के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है. बीबीसी ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट में बताया कि संयुक्त राष्ट्र (UN) को लिखे पत्र में अमेरिका ने कहा कि ईरान के शीर्ष कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या आत्मरक्षा में उठाया कदम था. अमेरिका ने अपनी सफाई में स्पष्ट किया है कि सुलेमानी की हत्या मध्य-पूर्व में अमेरिकी नागरिकों और हितों की रक्षा के लिए अनिवार्य था.

ईरान के सर्वोच्च नेता अली खमनई ने अमरीकी सैन्य ठिकानों पर ईरानी हमले को 'अमेरिकियों के गाल पर तमाचा' करार दिया है. खमनई ने कहा कि मध्य-पूर्व से अमेरिकी सैनिकों को खदेड़ना ज्यादा जरूरी है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) को लिखे एक पत्र में ईरान के साथ बातचीत के लिए सहमति जताते हुए अमेरिकी राजदूत केली क्राफ्ट ने कहा कि वैश्विक शांति और सुरक्षा के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए हम इसके लिए तैयार हैं.

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