आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में हुए गैस लीक के हादसे ने हर किसी के दिल को दहला दिया है. अबतक इस हादसे में दस लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि करीब 200 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. गैस लीक जैसा हादसा कैसे हुआ इसकी जांच की जा रही है, इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस भेजा गया है.
मानवाधिकार आयोग की तरफ से दोनों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है. बता दें कि आरआर वेंकटपुरम में स्थित विशाखा एलजी पॉलिमर कंपनी में गुरुवार तड़के ढाई बजे गैस लीक हुई थी, जिसके बाद से ही इलाके में हड़कंप मच गया है.
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यहां अबतक 10 लोगों की मौत हुई है तो वहीं सैकड़ों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. फैक्ट्री के आसपास के तीन किमी. के इलाके को खाली करवाया गया है, करीब 3000 लोगों का रेस्क्यू किया गया है.
मुख्यमंत्री जगन रेड्डी भी विशाखापट्टनम के किंग जॉर्ज अस्पताल पहुंचे हैं और घायलों से मुलाकात कर रहे हैं. गैस लीक की घटना के बाद लोगों को सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन जैसी दिक्कतें हो रही थीं.
विशाखापट्टनम: गैस लीक का भयावह मंजर, सड़क पर ही गिरने लगे लोग
क्या कहती है शुरुआती जांच रिपोर्ट?
गैस लीक मामले की अभी पूरी जांच की जानी तो बाकी है, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट में जो सामने आया है उससे पता चला है कि एक वॉल्व की खराबी की वजह से गैस लीक होना शुरू हुई थी. पता चला है कि वॉल्व का नियंत्रण ठीक तरीके से नहीं हो पाया था, जिसकी वजह से गैस लीक हुई.
वहीं, कंपनी की ओर से अपने बयान में कहा गया है कि गैस रिसाव की स्थिति अब नियंत्रण में है और पीड़ितों को शीघ्र उपचार प्रदान करने के सभी तरीके अपनाए जा रहे हैं. कंपनी की ओर से भी स्वतंत्र जांच का भरोसा दिया गया है.
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