प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और अन्य से संबंधित धनशोधन मामले में एलआईसी के एजेंट आनंद चौहान के खिलाफ आज आरोपपत्र दायर किया. एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश विनोद कुमार के सामने अंतिम रिपोर्ट दायर की और अदालत से कहा कि मामले में जांच अब भी चल रही है और वे इसके बाद एक अनुपूरक आरोपपत्र दायर कर सकते हैं.
आरोप पत्र दाखिल किया गया
धनशोधन निरोधक अधिनियम :पीएमएलए: की धारा तीन :धनशोधन: और चार :अपराध के लिए सजा: के तहत आरोपों के लिए आरोपपत्र दायर किया गया. इस समय न्यायिक हिरासत में बंद चौहान को जांच में कथित रूप से सहयोग न करने के लिए पीएमएलए के प्रावधानों के तहत नौ जुलाई को गिरफ्तार किया गया था.
पॉलिसी खरीदने में भारी भरकम धनराशि का निवेश
एजेंसी ने पूर्व में दावा किया था कि सिंह ने 'केंद्रीय मंत्री के तौर पर काम करते हुए चौहान के जरिये अपने एवं अपने परिवार के लोगों के नाम पर एलआईसी की पॉलिसी खरीदने में भारी भरकम धनराशि का निवेश किया था.' प्रवतन निदेशालय ने आरोप लगाया था, '28 मई, 2008 से 26 जून, 2012 के बीच केंद्रीय मंत्री के तौर पर काम करते हुए वीरभद्र सिंह ने आय के ज्ञात स्रोतों से ज्यादा 6,03,70,782 रुपए की संपत्तियों का अधिग्रहण किया था और इसे बाद में कृषि से होने वाली आय बताकर सही ठहराने की कोशिश की. 'एजेंसी के कहा था कि वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह, चौहान और चुन्नीलाल चौहान नाम के एक दूसरे व्यक्ति ने वीरभद्र की आय से अधिक संपत्ति को सही ठहराने में मदद की थी और इस तरह उन्होंने अपराध को बढ़ावा दिया.
BHASHA