जब छोटा राजन गिड़गिड़ाया- मुझे भारत मत भेजो

कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन पकड़ा गया है. लेकिन राजन भारत की बजाए जिंबाब्वे जाना चाहता है, जहां वो कई सालों तक रहा है. ये बात छोटा राजन ने पूछताछ के दौरान बाली के उस सीआईडी अफसर से कही जिसने उसे रविवार दोपहर को बाली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पकड़ा था.

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जब छोटा राजन गिड़गिड़ाया- मुझे भारत मत भेजो जब छोटा राजन गिड़गिड़ाया- मुझे भारत मत भेजो

आदर्श शुक्ला

  • नई दिल्ली,
  • 28 अक्टूबर 2015,
  • अपडेटेड 11:32 AM IST

कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन पकड़ा गया है. लेकिन राजन भारत की बजाए जिंबाब्वे जाना चाहता है, जहां वो कई सालों तक रहा है. ये बात छोटा राजन ने पूछताछ के दौरान बाली के उस सीआईडी अफसर से कही जिसने उसे रविवार दोपहर को बाली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पकड़ा था.

मेजर रिनहर्ड चीफ सीआईडी अफसर बाली हैं. यही वो मेजर हैं जिन्होंने अंडरवर्लड डॉन छोटा राजन को रविवार की दोपहर बाली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया था. रिनहर्ड से पूछताछ में राजन ने कहा कि वह इंडिया नहीं जाना चाहता क्योंकि वहां उसे अपनी जान का खतरा है. इन्हीं मेजर रिनहर्ड से छोटा राजन ने गुजारिश की कि वो किसी तरह उसे बाली से जिंबाब्वे जाने में मदद कर दें.

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मेजर रिनहर्ड के मुताबिक रविवार यानी 25 अक्टूबर की दोपहर उन्हें इंटरपोल के जरिए आस्ट्रेलियन फेडरल पुलिस से एक पासपोर्ट नंबर मिला था और कहा गया था कि उस शख्स को एयरपोर्ट पर ही पकड़ लिया जाए क्योंकि उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस है. मेजर के मुताबिक पासपोर्ट नंबर तो मिल गया पर उस पर नाम दूसरा लिखा था. लेकिन फोटो वही था जो रेड कार्नर नोटिस में लगा था.

फोटो मिलते ही मेजर ने जब छोटा राजन को हिरासत में ले लिया तब बहुत देर की पूछताछ के बाद आखिरकार राजन ने मान लिया कि वह ही छोटा राजन है. लेकिन अभी तक बाली पुलिस को ये अंदाजा नहीं था कि जिस शख्स को उसने पकड़ा है वो कितना बड़ा और खतरनाक डॉन है. इसका अहसास तब हुआ जब राजन की गिरफ्तारी की खबर इंटरपोल को दी गई. इंटरपोल के जरिए जैसे ही ये खबर जकार्ता में भारतीय दूतावास और फिर दिल्ली में सीबीआई को मिली हड़कंप मच गया.

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पूछताछ के दौरान छोटा राजन ने कई बातें बताईं. अपने मां-बाप, पत्नी के बारे में भी उसने बोला. मगर वो डी कंपनी या दाऊद इब्राहीम के बारे में कुछ नहीं बोल रहा. बाली पुलिस की मानें तो कानूनन बीस दिनों के अंदर-अंदर छोटा राजन को भारत डिपोर्ट करना जरूरी है।.अगर सब कुछ ठीक रहा तो वो उससे बहुत पहले भी भारत लाया जा सकता है. पूछताछ में राजन ने ये भी खुलासा किया कि वो पिछले सात साल से सिडनी में रह रहा था और उससे पहले वो जिंबाब्वे में रहता था. गिरफ्तारी के बाद छोटा राजन ने बाली से जिंबाब्वे जाने के लिए सीआईडी अफसर से मदद भी मांगी.

अगर इंडोनेशिया में छोट राजन का कोई क्राइम कनेक्शन नहीं निकलता तो फिर उसे भारत लाने के लिए सीबीआई को प्रत्यर्पण संधि की लंबी प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा. ऐसी सूरत में उसे सीधे भारत डिपोर्ट कर दिया जाएगा. क्योंकि वो भारतीय नागरिक है. ऐसे किसी भी केस में कोई भी देश बीस दिन से ज्यादा किसी को रोक कर नहीं रख सकता. छोटा राजन की गिरफ्तारी के बाद अगले बीस दिनों के अंदर यानी 15 नवंबर से पहले इंडोनेशिया को उसे भारत डीपोर्ट करना ही पड़ेगा.

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