वहीं, दूसरी दीवार पर स्वस्तिक के साथ ही बीजेपी के चुनाव चिन्ह कमल को दर्शाया गया. इसके अलावा महाराज सायाजीराव गायकवाड़ यूनिवर्सिटी की दीवार पर विरोध में स्लोगन लिखने के लिए अशब्दों का इस्तेमाल किया गया. वड़ोदरा में अचानक इस तरह सार्वजनिक रूप से दीवारों पर स्लोगन लिखने और चित्र बनाने की सूचना लगते ही पुलिस भी हरकत में आई. पुलिस ने इन इलाकों के सीसीटीवी फुटेज को खंगालना.
पुलिस को मिले सीसीटीवी फुटेज में दो बाइक सवार इस तरह चार स्थानों पर नए नागरिकता कानून के विरोध में ये सब लिखते दिखे. यहां के लोगों का कहना है कि वड़ोदरा को पहले ही संवेदनशील माना जाता है, ऐसे में इस तरह दीवारों पर विरोध में स्लोगन लिखा जाना वड़ोदरा की शांति को बिगाड़ने की साजिश है. वहीं, पुलिस उन लोगों के खिलाफ, जिन लोगों ने वड़ोदरा की दीवारों पर इस तरह के स्लोगन लिखे और चित्र बनाए हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कह रही है.
पुलिस ने मामले में पब्लिक प्रोपॉर्टी को नुकसान पहुंचाने, धार्मिक भावनाओं का अपमान करने और धर्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के आरोपी में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए हैं. साथ ही पुलिस अब इस मामले में आसपास के इलाके के लोगों से भी पूछताछ कर रही है. दीवारों पर लिखे गए विरोध के नारों के बाद वड़ोदरा पुलिस ने इन दीवारों पर दोबारा से पेंट करवाया, जिसे करने में वड़ोदरा पुलिस को 13 घंटो का समय लग गया. अभी तक इस मामले में किसी के गिरफ्तार किए जाने की जानकारी नहीं हैं.
गोपी घांघर