उत्तराखंड में चारधाम के लिए हो रहे रोड कंस्ट्रक्शन से जुड़े मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है.
एनजीटी ने केंद्र और उत्तराखंड सरकार से पूछा है कि जिस नेशनल हाईवे को यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ औऱ बद्रीनाथ के चारों धाम से जोड़ने के लिए रोड कंस्ट्रक्शन किया जा रहा है, उससे निकलने वाले वेस्ट प्रोडक्ट के लिए क्या इंतज़ाम किये गए है.
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया है कि बैलेस्टिक मैटेरियल को नदी में गिराया जा रहा है और डंप यार्ड बनाए ही नहीं गए है. इसके मुताबिक सारा बैलेस्टिक मैटेरियल नदी में जा रहा है और फिलहाल हो रही बारिश से नदी की इकोलॉजी खराब हो रही है.
तकरीबन 900 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबे इस नेशनल हाईवे को लेकर याचिकाकर्ता के वकील ने एनजीटी को याचिका लगाकर वेस्ट प्रोडक्ट के फोटोग्राफ भी दायर किया है और कहा कि ये वेस्ट प्रोडक्ट इको फ्रेंडली भी नही है. कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 8 अगस्त को करेगा.
ऋषिकेश से बद्रीनाथ तक के लिए शुरू हुए इस रोड का उद्घाटन देहरादून में 2016 में किया गया था. चारधाम महामार्ग परियोजना के नाम से शुरू की गई इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट का बजट 12 हज़ार करोड़ का है. लेकिन इस बड़े प्रोजेक्ट में भी निर्माण के दौरान पर्यावरण के साथ खिलवाड़ और नियमों का पालन न करने को लेकर ये याचिका लगाई गई है.
दीपक कुमार / पूनम शर्मा