हांगकांग लोकतंत्र समर्थक बिल पर ट्रंप ने लगाई मुहर, चीन ने दी धमकी

हांगकांग को लेकर अमेरिका और चीन के रिश्तों में तल्खी बढ़ती जा रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हांगकांग के लोकतंत्र समर्थकों के पक्ष में पास किए गए बिल पर अपनी मुहर लगा दी है. ट्रंप के इस कदम से चीन भी भड़क गया है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो-GettyImages) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो-GettyImages)

aajtak.in

  • वाशिंगटन,
  • 28 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 10:18 AM IST

  • हांगकांग पर अमेरिका-चीन के बीच बढ़ी तल्खी
  • शी जिनपिंग मेरे मित्र और भरोसेमंद आदमीः ट्रंप
  • चीनः घिनौना कदम, अमेरिका के इरादे भयावह

हांगकांग को लेकर अमेरिका और चीन के रिश्तों में तल्खी बढ़ती जा रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को हांगकांग के लोकतंत्र समर्थकों के पक्ष में पास किए गए बिल पर अपनी मुहर लगा दी. हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप के इस कदम से चीन भड़क गया है और उसने अमेरिका के खिलाफ बड़े कदम उठाने की धमकी दी है.

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चीन ने अमेरिका को धमकी देते हुए कहा है कि अब हम इसके खिलाफ कदम उठाएंगे. बीजिंग की ओर से कहा गया कि यह घिनौना कदम है और अमेरिका के भयावह इरादे को बताता है.

मैंने चीन को कार्रवाई करने से रोकाः ट्रंप

अमेरिकी सीनेट में पिछले दिनों हांगकांग लोकतंत्र समर्थकों के लिए बिल पेश किया गया था. इस बिल पर अपनी बात रखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि आपसे कहूंगा कि हमें हांगकांग के साथ खड़ा होना है, लेकिन मैं राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ भी खड़ा हूं. वह मेरे मित्र हैं. वह एक बेहद भरोसेमंद आदमी भी हैं.

डोनाल्ड ट्रंप ने आगे कहा, 'शी जिनपिंग ने हांगकांग के बाहर लाखों सैनिक तैनात कर रखे हैं, वे अंदर नहीं जा रहे हैं क्योंकि मैंने उनसे कहा कि ऐसा न करें. ऐसा करना आपकी बड़ी भूल होगी. इससे व्यापार सौदे पर बेहद नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.'

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इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी दावा किया था कि उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लोकतंत्र समर्थक आंदोलन को कुचलने के लिए सैनिकों को भेजने पर रोकने से मना करके हांगकांग को तबाह होने से बचा लिया. उनका दावा है कि अगर वो नहीं होते तो 14 मिनट में ही हांगकांग तबाह कर दिया जाता.

चीन को रोकने के लिए कुचेष्टाः CMG

दूसरी ओर, चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) ने एक लेख में कहा कि हांगकांग को चीन की गोद में वापस लौटे 22 साल हो चुके हैं. हांगकांग न केवल उपनिवेशवादियों के शोषण से बाहर निकला, बल्कि वह केंद्र सरकार के समर्थन से सुधार और खुलेपन का फल साझा करता है.

चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) ने 'हांगकांग सदैव चीन का है' शीर्षक लेख प्रकाशित किया. इस लेख में कहा गया है कि नए चीन के उत्थान के उन्मुख अमेरिका समेत कुछ पश्चिमी देशों के राजनीतिज्ञों ने चीन को रोकने के लिए कुचेष्टा की है. वे हांगकांग में गड़बड़ी फैलाकर चीन को बाधित करना चाहते हैं. इस तरह की कुचेष्टा विफल होगी.

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