पेशाब की जांच से आसान होगा जीका वायरस का टेस्ट, नई गाइडलाइंस जारी

जीका वायरस के कई मरीजों पर मूत्र की जांच को खून की जांच से ज्यादा बेहतर पाया जा रहा है. इस तरीके से इनफेक्शन की जांच और सरल हो जाएगी.

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सबा नाज़

  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2016,
  • अपडेटेड 11:06 AM IST

जीका वायरस के कई मरीजों पर मूत्र की जांच को खून की जांच से ज्यादा बेहतर पाया जा रहा है. इस तरीके से इनफेक्शन की जांच और सरल हो जाएगी.

इस जांच से मच्छरों के द्वारा फैलने वाले जीका वायरस पर नियंत्रण करना आसान हो जाएगा. अब इस वायरस के नॉर्थ अमेरिका में फैलने की आशंका जताई जाने लगी है.

लंबी अवधि तक हो सकती है जांच
द सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन(सीडीसी) ने मंगलवार को नए टेस्ट की गाइडलाइन जारी की. उनका कहना है कि वायरस खून की तुलना में मूत्र में ज्यादा मात्रा में और लंबे समय तक पाया जा सकता है.

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दो सप्ताह तक हो सकती है जांच
मूत्र की जांच के जरिए ज्यादा लोगों की जांच की जानी संभव हो सकती है. सीडीसी अधिकारियों का कहना है कि मूत्र से होने वाली जांच लक्षण देखे जाने के दो हफ्ते के बाद भी की जा सकती है जबकि खून में इसकी जांच होने की अवधि केवल एक सप्ताह होती है. क्योंकि जीका वायरस खून में केवल हफ्ते भर ही रहता है.

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