UPSC के नए परीक्षा फॉर्मेट में 'नैतिकता और ईमानदारी' का भी टेस्ट

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने अपना परीक्षा मॉडल बदल दिया है, अब आईएएस बनने के लिए ईमानदारी और नैतिकता का भी टेस्ट देना होगा. इसके अलावा नए फॉर्मेट में सामान्य अध्ययन पर भी अधिक जोर दिया जाएगा.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 मार्च 2013,
  • अपडेटेड 11:50 PM IST

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने अपना परीक्षा मॉडल बदल दिया है, अब आईएएस बनने के लिए ईमानदारी और नैतिकता का भी टेस्ट देना होगा. इसके अलावा नए फॉर्मेट में सामान्य अध्ययन पर भी अधिक जोर दिया जाएगा.

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की ओर से यूपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं में बदलाव पर जारी अधिसूचना के अनुसार सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षाओं में पहली बार ‘नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और एप्टीट्यूड’ का अलग से प्रश्नपत्र होगा. डीओपीटी ने प्रश्नपत्रों की अंक विभाजन प्रणाली में भी बदलाव किया है.

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मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन विषय के अनिवार्य प्रश्नपत्र के अंक बढा दिए गए हैं. सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा 2013 से सामान्य अध्ययन के 250-250 अंकों के चार अनिवार्य प्रश्नपत्र होंगे. इसके अलावा इतने ही अंकों के दो वैकल्पिक प्रश्नपत्र भी होंगे.

पहले सामान्य अध्ययन के दो अनिवार्य प्रश्नपत्र होते थे और दो वैकल्पिक विषयों का. प्रत्येक प्रश्नपत्र 300 अंकों का होता था. मुख्य परीक्षा के लिए कुल अंक 1800 होंगे. निबंध और अंग्रेज़ी ज्ञान का प्रश्नपत्र पहले की ही तरह 300 अंकों का होगा.

सिविल सेवाओं के लिए प्राथमिक परीक्षा इस वर्ष 26 मई को होगी. इसके लिए ऑनलाइन आवेदन देने की अंतिम तिथि चार अप्रैल है. सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्रों को इस प्रकार तैयार किया जाएगा जिससे किसी विषय में विशेषज्ञता हासिल किए बिना भी कोई अच्छा जानकार प्रश्नों के उत्तर दे सके.

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अधिसूचना में कहा गया है, ‘प्रश्नपत्र इस प्रकार तैयार किए जाएंगे जिनसे प्रत्याशी की विभिन्न विषयों की सामान्य जानकारी का आकलन किया जा सके.’ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हाल में सिविल सेवा परीक्षाओं में बदलाव को मंजूरी दी थी.

परीक्षा प्रणाली में बदलाव का फैसला यूपीएससी द्वारा गठित विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर अरुण एस. निगवेकर के नेतृत्व में गठित समिति की सिफारिशों के आधार पर किया गया है.

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