48 घंटे में डकैती और गैगरेप की दो घटनाओं से दहला हापुड़

यूपी में सरकार और प्रशासन अपराध को लेकर कितनी संवेदनशील है इसका ताजा उदाहरण हापुड़ में देखने को मिला है. यहां 48 घंटे के अंदर डकैती और गैंगरेप की दो घटनाएं हुईं. खास बात यह कि दोनों में अपराध का तरीका एक समान. जाहिर है यह तभी संभव है जब अपराधी एक हो. हालांकि पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन अभी 8 आरोपी फरार हैं.

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aajtak.in

  • हापुड़,
  • 28 जुलाई 2014,
  • अपडेटेड 7:58 PM IST

यूपी में सरकार और प्रशासन अपराध को लेकर कितनी संवेदनशील है इसका ताजा उदाहरण हापुड़ में देखने को मिला है. यहां 48 घंटे के अंदर डकैती और गैंगरेप की दो घटनाएं हुईं. खास बात यह कि दोनों में अपराध का तरीका एक समान. जाहिर है यह तभी संभव है जब अपराधी एक हो. हालांकि पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन सवाल यह कि अगर पहली घटना के बाद ही पुलिस कार्रवाई करती तो क्या दूसरी घटना से बचा नहीं जा सकता था.

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यह सच उस प्रदेश का है जहां पिछले कुछ दिनों में सड़क से लेकर पेड़ तक अपराध की साख मजबूत हुई है, बावजूद इसके पुलिस और सरकार खामोश है. हापुड़ में 19 जुलाई को धौलाना के नारायणपुर गांव में डकैती के बाद गैंगरेप की घटना हुई. ठीक 48 घंटे बाद दूसरी घटना थाना हफीजपुर के भट्टियाना गांव में घटी. बदमाशों ने दोनों जगह वारदात का एक ही तरीका अपनाया.

पुलिसिया कार्रवाई की बात करें तो पहली घटना के बाद मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू की गई. लेकिन दूसरी घटना के बाद पुलिस की सांसें फूलने लगी और खुद को राहत देने के लिए ही सही हफीजपुर थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने मुठभेड़ के बाद एक आरोपी उस्मान को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस का कहना है आरोपी उस्मान जनपद हापुड़ के थाना पिलखुवा के देहपा का रहने वाला है. आरोपी ने कबूल किया है कि उसके साथ 8 अन्य लोग दोनों घटनाओं में शामिल रहे हैं.

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सिर्फ महिलाओं को बनाते थे शिकार
गिरफ्तारी के बाद शुरुआती पूछताछ में उस्मान ने जो कुछ बताया है वह अपराधियों के बुलंद हौसले की दास्तान है. पुलिस के मुताबिक उस्मान ने बताया कि उनका गैंग इन दोनों घटनाओं के अलावा भी कई वारदात को अंजाम दे चुका है. यही नहीं गैंग में उस्मान सहित तीन बदमाश ऐसे हैं जो सिर्फ महिलाओं को अपना शिकार बनाते थे. इन दरिंदों को पैसे से कोई मतलब नहीं था. गैंग 'चमड़ी हमारी, दमड़ी तुम्हारी' की नीति पर काम करता था. उस्मान ने अपने दो अन्य साथि‍यों का नाम राशिद और जल्लू बताया है.

उस्मान की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अपनी पीठ जरूर थपथपा रही है, लेकिन असल में पहली घटना के बाद यह प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है जिसने दूसरे अपराध को न्योता दिया. फिलहाल पुलिस की नजर फरार 8 अपराधियों पर है.

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