UP में पर्यटन को बढ़ावा देने की रणनीति पर जोर

उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में सूबे में विदेशी पर्यटकों का आगमन एक प्रतिशत तक बढ़ाने और स्वदेशी पर्यटकों के आगमन में 12 प्रतिशत की वृद्धि को बरकरार रखा जाएगा.

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आईएएनएस

  • लखनऊ,
  • 22 जुलाई 2012,
  • अपडेटेड 3:33 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में सूबे में विदेशी पर्यटकों का आगमन एक प्रतिशत तक बढ़ाने और स्वदेशी पर्यटकों के आगमन में 12 प्रतिशत की वृद्धि को बरकरार रखा जाएगा.

उत्तर प्रदेश में पर्यटन की असीम सम्भावनाओं का लाभ उठाने एवं प्रभावी प्रचार-प्रसार के लिए भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की शनिवार को संयुक्त बैठक हुई, जिसमें केन्द्रीय पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाग लिया.

बैठक में बीते साल उत्तर प्रदेश में स्वदेशी पर्यटकों के आगमन की दृष्टि से पूरे देश में पहले स्थान पर रहने पर संतोष व्यक्त करते हुए इसमें और अधिक वृद्धि के लिए प्रयास करने की रणनीति तैयार की गई.

राज्य में सूफी सर्किट परियोजना और आगरा में ताजगंज व ताजमहल के रास्तों के विकास की परियोजनाओं के लिए केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृति देने तथा धनराशि उपलब्ध कराने पर सहमति बनी. उत्तर प्रदेश में 33 सूफी स्थल हैं.

इस अवसर पर बुद्ध परिपथ के अन्तर्गत भगवान बुद्ध से जुड़े कपिलवस्तु, सारनाथ, श्रावस्ती, संकिसा, कौशाम्बी और कुशीनगर के विकास पर बल दिया गया. जापान इन्टरनेशनल कार्पोरेशन एजेंसी के माध्यम से लागू की जाने वाली फेज-2 योजना को जल्द स्वीकृत करने की बात केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा कही गई.

केन्द्रीय पर्यटन मंत्री सुबोधकांत सहाय ने उत्तर प्रदेश की विविधता की चर्चा करते हुए कहा कि यहां सांस्कृतिक पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं. उन्होंने विभिन्न स्थानों पर आयोजित होने वाले मेलों को प्रचारित-प्रसारित करने तथा थीम पार्को के विकास का आग्रह भी किया.

बैठक में अगले साल 2013 में इलाहाबाद में आयोजित होने वाले महाकुम्भ को एक वृहद पर्यटक कार्यक्रम के रूप में चिन्हित कर इसके लिए आवश्यक तैयारी करने पर सहमति बनी. हर 12 वर्ष में आयोजित होने वाले इस महाकुम्भ में लगभग 7 करोड़ से अधिक देशी-विदेशी पर्यटकों के इलाहाबाद में आने की सम्भावना है.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि बड़ा राज्य होने के कारण उत्तर प्रदेश में पर्यटन की काफी सम्भावनाएं हैं. इस क्षेत्र के विकास से रोजगार के नये अवसर उपलब्ध होंगे और राजस्व में वृद्धि भी होगी.

बैठक में केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा विशेष रूप से शुरू की गई 'क्लीन इण्डिया कैम्पेन इनीशिएटिव' योजना के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए इसे उत्तर प्रदेश में भी लागू करने का निर्णय लिया गया. इस योजना को सबसे पहले वाराणसी उसके बाद आगरा एवं अन्य पर्यटक स्थलों में लागू करने की योजना है.

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