उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही अपने कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ देने जा रही है. राज्य सरकार के अधिकारियों के मुताबिक, केंद्रीय कैबिनेट से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार भी इसे अपने कर्मचारियों पर लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. प्रदेश के करीब 22 लाख कर्मचारियों, शिक्षकों और पेंशनरों को इसका लाभ मिलेगा.
राज्य को अधिसूचना जारी होने का इंतजार
सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए केंद्र सरकार की अधिसूचना जारी होने का इंतजार है. केंद्र की अधिसूचना जारी होते ही सरकार उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करेगी. यह कमेटी किसी सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी की अध्यक्षता में बनाई जाएगी, जो छह महीने में रिपोर्ट देगी.
सरकार ने बजट में किया 23 हजार करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान
राज्य सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2016-17 के वार्षिक बजट में करीब 23 हजार करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए किया है. वित्त सचिव अजय अग्रवाल के मुताबिक, सरकार को सूबे के अधिकारियों और कर्मचारियों को सातवां वेतन देने में कोई दिक्कत नहीं आएगी. सरकार ने पहले से ही बजट में पर्याप्त अतिरिक्त धनराशि का प्रावधान किया है.
ये मिलेगा फायदा
मोदी सरकार की कैबिनेट ने बुधवार को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी. इसके तहत सभी क्लास के कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 2.57 गुना बढ़ेगी. अलाउंसेस में इजाफे पर फैसला 4 महीने बाद लिया जाएगा. इन्क्रीमेंट जनवरी और जुलाई में मिलेगा. जून तक का 6 महीने का एरियर्स सरकार मार्च 2017 से पहले ही देगी.
अंजलि कर्मकार