यूपी में सरकार बनाने के लिए मायावती सहित सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतों के हाथ मिलाने पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जोर दिए जाने पर सांसद अमर सिंह ने अपने अंदाज में प्रतिक्रिया दी है.
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एग्जिट पोल के निष्कर्षों पर आज तक से बातचीत में अमर सिंह ने कहा, 'साइकिल को हाथ भी चाहिए, हाथी भी चाहिए, बाप के हाथ से सत्ता भी चाहिए, संगठन भी चाहिए. समाजवादी पार्टी के वर्तमान सुप्रीमो को सब कुछ चाहिए, लेकिन सत्ता हाथ से नहीं जानी चाहिए. ये बहुत हताशा, निराशा और अस्थिरता की स्थिति है और इसकी परिणीति बहुत बुरी होगी.'
मायावती से समाजवादी पार्टी के हाथ मिलाने की संभावना पर अमर सिंह ने कहा, 'उन्हें (अखिलेश) ये नहीं भूलना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट में अब भी उनके पिता और मायावती के बीच गेस्टहाउस कांड का मुकदमा चल रहा है. उसके नतीजे कुछ भी हो सकते हैं. उन नतीजों से बेपरवाह, बेखबर कुछ भी प्रलाप कर देते हैं.'
अमर सिंह के मुताबिक अखिलेश ने एक अखबार को यहां तक कहा था कि अगर घर में विवाद ना होता तो वो कांग्रेस से हाथ नहीं मिलाते.
उत्तर प्रदेश में नतीजों के बाद की स्थिति पर अमर सिंह ने कहा कि हो सकता है कि प्रदेश में अखिलेश ही जीत जाएं, एसपी-कांग्रेस गठबंधन ही जीत जाए. अमर सिंह ने कहा कि जो भी जीते उसे पूर्ण बहुमत मिलना चाहिए, त्रिशंकु विधानसभा नहीं आनी चाहिए.
बीजेपी और बीएसपी के हाथ मिलाने की संभावना पर अमर सिंह कहते हैं, 'इस पर मैं क्या कह सकता हूं. दोनों के बीच परंपरागत संबंध रहे हैं. एक बार नहीं, दो बार नहीं, तीन-तीन बार... दोनों के बीच सियासी निकाह हो चुका है. हमें वह दृश्य भी याद है, जब मायावती ने बीजेपी नेता लालजी टंडन को राखी बांधी थी.'
अशोक सिंघल