संकट में UN: कर्मचारियों की सैलरी काटने की आई नौबत, भारत-PAK ने बजट में दिए इतने डॉलर

संयुक्त राष्ट्र के पास अपने अधिकारियों को सैलरी देने के लिए भी पैसा नहीं है. ये जानकारी खुद संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दी है. इस बीच भारत और पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र को देने वाले अनुदान को चुका दिया है.

Advertisement
पैसों की किल्लत में संयुक्त राष्ट्र पैसों की किल्लत में संयुक्त राष्ट्र

aajtak.in

  • न्यूयॉर्क,
  • 09 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 9:29 AM IST

  • संयुक्त राष्ट्र में बजट का संकट
  • कई देशों ने नहीं दिया योगदान
  • भारत-PAK ने चुका दिया अपना पैसा

दुनिया के देशों को एकजुट रखने वाला संगठन इस वक्त पैसों की किल्लत से जूझ रहा है. संयुक्त राष्ट्र (UN) के पास जितना पैसा रिजर्व में रखा था, अब वो भी खत्म होने वाला है. और ये किल्लत इतनी ज्यादा हो गई हैं कि संयुक्त राष्ट्र के पास अपने अधिकारियों को सैलरी देने के लिए भी पैसा नहीं है. ये जानकारी खुद संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दी है. इस बीच भारत और पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र को देने वाले अनुदान को चुका दिया है.

Advertisement

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सोमवार को कहा कि इस महीने के आखिर में संयुक्त राष्ट्र का फंड समाप्त हो जाएगा. संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्यों में से सिर्फ 128 सदस्यों ने ही 3 अक्टूबर तक अपने बकाए का भुगतान किया है.

अमेरीकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र ने अपने कर्मचारियों को आगाह किया है कि संगठन को अपने बजट में 23 करोड़ डॉलर कमी का सामना करना पड़ेगा.

बता दें कि संयुक्त राष्ट्र का साल का नियमित बजट 5.4 अरब डॉलर है, जो कि शांति कायम करने पर खर्च होने वाले 6.5 अरब डॉलर के बजट से अलग है.

भारत के मुकाबले पाकिस्तान कहीं पीछे...

अगर बात भारत की करें तो भारत ने नियमित बजट में अपने हिस्से का 232.5 लाख डॉलर 30 जनवरी को ही चुका दिया है. भारत संयुक्त राष्ट्र के उन कुछ सदस्य देशों में शामिल है, जिसने समय पर भुगतान किया है. वहीं पाकिस्तान की बात करें तो पड़ोसी मुल्क ने  3,206,460 अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया है.

Advertisement

संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी लिस्ट

जिन देशों पर बकाया है, उन्होंने अगर इस महीने और धन नहीं चुकाया तो संयुक्त राष्ट्र को अपनी कार्यशील पूंजी में अस्थाई तौर पर खर्च करना पड़ेगा. दरअसल, संयुक्त राष्ट्र के पास धन की कमी का एक कारण अमेरिका है, जिसने अपने बकाये का भुगतान नहीं किया है. अमेरिका संयुक्त राष्ट्र के नियमित बजट में 22 फीसदी का योगदान देता है.

साल की शुरुआत में सदस्य देशों द्वारा बकाए का भुगतान नहीं करने के कारण संयुक्त राष्ट्र को आवधिक बजट के संकट से जूझना पड़ रहा है. पूरी राशि का भुगतान करने वाले देशों की संख्या इस साल पिछले साल के मुकाबले काफी कम हो गई है.

सिर्फ 127 सदस्य देशों ने ही इस साल अपना योगदान सितंबर के आखिर तक किया था, जबकि पिछले साल इस अवधि तक 141 देशों ने अपने योगदान की राशि का भुगतान किया था.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने बार-बार इस बात का जिक्र किया है कि इससे संयुक्त राष्ट्र की शांति स्थापना के कार्यों में योगदान करने वाले देशों पर असर पड़ेगा. गौरतलब है कि ना सिर्फ बजट बल्कि शांति कार्यों में भी भारत बड़े स्तर पर योगदान देता है, भारत लगातार संयुक्त राष्ट्र में बदलाव की आवाज़ उठाता रहा है.

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement