भारत आने से डर रहा है डॉन छोटा राजन, जाना चाहता है जिम्बाब्वे

इंडोनेशिया के बाली से छोटा राजन की गिरफ्तारी के बाद उसे पकड़ने वाले अफसर ने खुलासा किया है कि डॉन को भारत जाने से डर लग रहा है. वह भारत की बजाय जिम्बाब्वे जाना चाहता है. लेकिन प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी करके इंडोनेशिया उसे 20 दिन में भारत को सौंपे देगा.

Advertisement
वह भारत की बजाए जिम्बाब्वे जाना चाहता है वह भारत की बजाए जिम्बाब्वे जाना चाहता है

मुकेश कुमार

  • बाली,
  • 27 अक्टूबर 2015,
  • अपडेटेड 10:25 PM IST

इंडोनेशिया के बाली से छोटा राजन की गिरफ्तारी के बाद उसे पकड़ने वाले अफसर ने खुलासा किया है कि डॉन को भारत जाने से डर लग रहा है. वह भारत की बजाय जिम्बाब्वे जाना चाहता है. लेकिन प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी करके इंडोनेशिया उसे 20 दिन में भारत को सौंपे देगा.

इंडोनेशिया की सीआईडी के मुताबिक, राजन को ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और इंटरपोल की मदद से गिरफ्तार किया गया. उसे इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर डिटेन किया गया. सितंबर में पता चल कि वह ऑस्ट्रेलिया में रह रहा है. उसके बाद पूरा प्लान बना लिया गया था.

सीआईडी अफसर मेजर रीनहार्ड ने बताया कि सीआईडी टीम को इंटरपोल की तरफ से एक फोटो मुहैया कराई गई थी. हालांकि जब छोटा राजन का पासपोर्ट चेक किया गया तो नाम अलग था. पासपोर्ट पर मोहन कुमार नाम था. लेकिन चेहरा छोटा राजन से मेल खा रहा था.

गिरफ्तारी के वक्त डरा हुआ था डॉन
चेहरे पर शक होते ही इंडोनेशियन सीआईडी टीम ने राजन ने पूछताछ शुरू कर दी. इस पूछताछ में उसने कबूल कर लिया कि वो छोटा राजन ही है. गिरफ्तारी के समय वो डरा हुआ था. उसने खुद पर खतरे की बात भी कबूल की. उसने बताया कि दाऊद का गैंग उसके पीछे पड़ा हुआ है.

मुंबई बम ब्लास्ट के बाद हुई दुश्मनी
बताते चलें कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम के बाद बड़े गैंगस्टरों में छोटा राजन का ही नाम आता है. वह लंबे समय तक डी कंपनी के साथ भी रहा. दोनों ने मिलकर मुंबई में खूब आतंक मचाया. लेकिन 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों के बाद उनके बीच दुश्मनी हो गई.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement