उमा रामकृष्‍णनन बनी पार्कर जेनेटरी अवॉर्ड जीतने वाली पहली भारतीय

बंगलुरू की परिस्थिति वैज्ञानिक उमा रामकृष्‍णनन पार्कर जेनेटरी अवॉर्ड जीतने वाली पहली भारतीय बन गई हैं...

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उमा रामकृष्‍णनन उमा रामकृष्‍णनन

वन्‍दना यादव

  • नई दिल्‍ली,
  • 25 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 6:19 PM IST

शेरों की प्रजाति को बचाने में योगदान देने के लिए भारत की परिस्थिति वैज्ञानिक उमा रामकृष्‍णनन को पार्कर जेनेटरी अवॉर्ड से सम्‍मानित किया गया है.

उमा यह अवॉर्ड जीतने वाली पहली भारतीय हैं. वह नेशनल सेंटर फॉर बॉयोलॉजिकल सांइसेज, बंगलुरू में बतौर असिस्‍टेंट
प्रोफसर काम कर रही हैं. वह अपने इस काम के जरिए जीवों के संरक्षण और खासतौर पर शेरों की प्रजाति के बचाव के लिए काम कर रही हैं.

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उमा रामकृष्‍णनन का मानना है कि शेरों के विलुप्‍त होने के पीछे इंसानों को हाथ है क्‍योंकि जंगलों को खत्‍म करने का काम मावन प्रजाति ही कर रही है. इसलिए वह शेरों को बचाने का काम कर रही हैं और उन्‍हें पूरा विश्‍वास है किे उनके काम से प्रभावित होकर उनकी फील्‍ड से उन्‍हें पूरा सहयोग मिलेगा.

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