उबर-ओला के परिचालन के लिए नई नीति लाएगी बिहार सरकार

यहां केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले 50 करोड़ रुपए की लागत से आटोमेटेड व्हीकल इंस्पेक्शन एंड टेस्टिंग सेंटर स्थापित की जाएगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि उबर और ओला जैसी टैक्सी परिचालन के लिए राज्य सरकार नीति बनाएगी.

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सुजीत झा

  • पटना,
  • 25 मई 2018,
  • अपडेटेड 2:34 AM IST

बिहार सरकार उबर और ओला जैसी टैक्सियों के परिचालन पर नई नीति लाएगी. उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक के बाद बताया कि पटना के बिहटा में राज्य सरकार ने 3 एकड़ जमीन की व्यवस्था की है.

यहां केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले 50 करोड़ रुपए की लागत से आटोमेटेड व्हीकल इंस्पेक्शन एंड टेस्टिंग सेंटर स्थापित की जाएगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि उबर और ओला जैसी टैक्सी परिचालन के लिए राज्य सरकार नीति बनाएगी. साथ ही सरकार सुल्तान पैलेस और बांकीपुर बस डिपो की जमीन पर्यटन विभाग को सौंपने पर विचार कर रही है. बैठक में परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला व विभागीय सचिव संजय कुमार अग्रवाल के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थे.

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सुशील मोदी बोले कि केंद्र के सहयोग से राज्य सरकार चरणबद्ध तरीके से प्रमंडल मुख्यालयों व सभी जिलों में मोटर ड्राइविंग सिमुलेटर और ट्रेनिंग स्कूल खोलेगी. केंद्र सरकार इसके लिए प्रति जिला 1-1 करोड़ रुपए देगा व राज्य सरकार 1-1 एकड़ जमीन उपलब्ध कराएगी.

उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग के राजस्व संग्रह में वर्ष 2016-17 की 1249 करोड़ की तुलना में वर्ष 2017-18 में 1624 करोड़ यानी 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. चालू वित्तीय वर्ष के लिए 2000 करोड़ रुपए संग्रह का लक्ष्य रखा गया है.

इसी प्रकार वाहनों के निबंधन में भी आमतौर पर जहां 8 से 14 प्रतिशत सालाना की वृद्धि होती थी वहीं पिछले वर्ष 2017-18 में 46 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस अवधि में 924764 दोपहिया, 37003 तिपहिया, 62452 चार पहिया व 89587 कमर्शियल वाहन निबंधित किए गए हैं.

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उपमुख्यमंत्री ने बताया कि पारदर्शिता व त्वरित कार्य निष्पादन हेतु डीलर प्वायंट रजिस्ट्रेशन, रोड टैक्स का भुगतान व नेशनल परमिट ऑनलाइन जारी करने के लिए वाहन 4.0 सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जायेगा.

इसके अलावा सारथी 4.0, एम-परिवहन व ई-चालान सॉफ्टवेयर के जरिए ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस का शुल्क, कमर्शियल टैक्स व यातायात नियमों के उल्लंघन पर दंड का भुगतान किया जा सकेगा. वाहनों के पसंदीदा नम्बर के लिए ई-ऑक्शन की व्यवस्था की जाएगी.

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