BALCO के दो विद्युत संयंत्रों को बंद करने का निर्देश

इन विद्युत संयंत्रों से रोजाना बड़े पैमाने पर कोयले की राख निकलती है. बताया जा रहा है कि कुप्रबंधन के चलते महीनों से ये राख हसदेव बांगो नदी में बहा दी जा रही थी. इस वजह से नदी में मछलियों के अलावा कई जलचर मर गए.

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भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड

सुरभि गुप्ता / सुनील नामदेव

  • रायपुर,
  • 25 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 6:10 PM IST

छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े बिजली घरों में से एक कोरबा स्थित BALCO (भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड) के दो विद्युत संयंत्रों को बंद करने का निर्देश दिया गया है. इन विद्युत संयंत्रों से निकलने वाली राख से फैलते प्रदूषण के मद्देनजर छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने ये निर्देश जारी किया है. एक विद्युत संयंत्र की क्षमता 1200 और दूसरे की क्षमता 540 मेगावाट है.

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इन विद्युत संयंत्रों से रोजाना बड़े पैमाने पर कोयले की राख निकलती है. बताया जा रहा है कि कुप्रबंधन के चलते महीनों से ये राख हसदेव बांगो नदी में बहा दी जा रही थी. इस वजह से नदी में मछलियों के अलावा कई जलचर मर गए.

ग्रामीणों ने इसकी शिकायत स्थानीय प्रशासन से की, जब कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो छत्तीसगढ़ संरक्षण मंडल में शिकायत दर्ज कराई गई.  छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के अध्यक्ष अमन कुमार सिंह के मुताबिक संयंत्र को नियम के मुताबिक तुरंत बंद करवाया गया है. ये कार्रवाई जल प्रदूषण (नियंत्रण एवं निवारण) अधिनियम 1974 की धारा 33 (क) के तहत की गई है.

अमन कुमार सिंह ने बताया कि बाल्को प्रबंधन को ना सिर्फ क्षतिग्रस्त राखड़ बांध (ऐश डाईक) की मरम्मत तुरंत करवाने के निर्देश दिए गए हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया गया है कि सलरीयुक्त पानी बेलगिरी नाले में ना जाए.  फिलहाल पर्यावरणवादियों ने मांग की है कि बालको प्रबंधन पर आपराधिक केस दर्ज किया जाए. इसके साथ ही हसदेव नदी की सफाई और प्रदूषित जल की निकासी व जलचरो के संरक्षण को लेकर पर्यावरण संरक्षण मंडल से ठोस कदम उठाने की अपील की गई है.

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