इस रेड लाइट एरिया का कड़वा सच जानकर रह जाएंगे दंग!

मुंबई के रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा का एक ऐसा सच सामने आया, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया. यहां लालच देकर लाई जाने वाली लड़कियों के साथ बेहद अमानवीय बर्ताव किया जाता है. बेहतर जीवन के नाम पर उनको नशे का इंजेक्शन देकर कैद किया जाता है. जिस्मफरोसी के दलल में उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया जाता है.

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लड़कियों के साथ बेहद अमानवीय बर्ताव लड़कियों के साथ बेहद अमानवीय बर्ताव

मुकेश कुमार

  • मुंबई,
  • 23 जून 2016,
  • अपडेटेड 10:35 AM IST

मुंबई के रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा का एक ऐसा सच सामने आया, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया. यहां लालच देकर लाई जाने वाली लड़कियों के साथ बेहद अमानवीय बर्ताव किया जाता है. बेहतर जीवन के नाम पर उनको नशे का इंजेक्शन देकर कैद किया जाता है. जिस्मफरोसी के दलदल में उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया जाता है.

एक एनजीओ प्रेरणा ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा करते हुए कहा कि वेस्ट बंगाल और बांग्लादेश की रहने वाली गरीब महिलाओं को बहला-फुसला कर मुंबई लाया जाता है. उनको अच्छी नौकरी का लालच दिया जाता है. लेकिन यहां लाकर उनको नशे इंजेक्शन और दवाएं दी जाती हैं. उनको जबरन कई ग्राहकों के सामने परोसा जाता है.

धंधे से मना करने पर होती है पिटाई
रिपोर्ट के मुताबिक, ये लड़कियां जब धंधा करने से मना करती हैं, तो उनकी पिटाई की जाती है. उनको कमरों में बंद कर दिया जाता है. कई दिनों तक भूखे-प्यासे रखा जाता है. इसके बाद अपनी हालत से टूटकर लड़कियां मजबूरन उनकी बातें मान लेती हैं. उन्हें नशीली दवाओं की इतनी आदत पड़ जाती है कि वे उसके बिना परेशान हो जाती हैं.

सीमा पार ऐसे होती है मानव तस्करी
जानकारी के मुताबिक, भारत-बांग्लादेश की चार हजार किमी लंबी सीमा पार कराकर तस्करों द्वारा मानव तस्करी की जाती है. यूएनओडीसी एक रिपोर्ट में भी कहा गया है कि एशिया में मानव तस्करी का काम बहुत तेजी से बढ़ा है. यहां हर साल करीब डेढ़ लाख लोगों की तस्करी की जाती है. भारत में यूपी, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से ज्यादा लड़कियां लाई जाती हैं.

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