तिहाड़ कला अभियान के दूसरे दिन का आयोजन आई. एन. ए. दिल्ली हाट में किया गया. अभियान को लोगों का खूब प्यार और सहयोग मिल रहा है. तिहाड़ कला अभियान का मकसद भी कैदियों और उनके हुनर को लोगों के बीच लाना ही है. अपने अपराध का पछतावा करते हुए अगर कोई कैदी अपने आप को बदलना चाहता है तो तिहाड़ जेल की ये पहल वाकई सराहनीय है. तिहाड़ प्रशासन के इस अभियान के मद्देननजर यहां कैदियों की किसी एक गलती की सजा को भूल कर उनके हुनर से आम जनता को जोड़ना है.
दिल्ली सरकार और तिहाड़ प्रशासन ने मिलकर इन कैदियों को इस मंच पर लाने की कल्पना की. जिसकी बदौलत आज जेल की चार दीवारियों में बंद ये कैदी खुले मंच पर आम लोगों के सामने बेखौफ अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं. किन्हीं वजहों से जेल पहुंचे ये कैदी अगर अपने आप को कला से जोड़कर जुर्म, अपराध की दुनिया से अलग अपनी जिंदगी बदल रहे हैं तो यही इस पहल का असल मकसद है. कैदियों के परिजन भी बड़े गर्व के साथ आज अपने भाई, बेटे और पति की कला का प्रदर्शन देखने पहुंचे.
डी जी सुधीर यादव समेत पूरा पुलिस प्रशासन, तिहाड़ प्रशासन, और दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया समेत सरकार के सहयोग से अयोजित इस कार्यक्रम को आम जनता के लिए फ्री किया गया है. ताकि हर आमो खास इस कार्यक्रम में शिरकत कर सकें. इसके अलावा यही कार्यक्रम 22 अगस्त को दिल्ली हाट जनकपुरी में भी आयोजित किया जाएगा. सिंगिंग और डांसिंग के एक से बढ़कर एक कलाकार सामने आए. लोगों ने इन कैदियों से अपने आप को जोड़ कर इस शाम का पूरा लुत्फ उठाया.
इस कार्यक्रम के जरिये शुरू की गई इस सराहनीय पहल का उद्देश्य पेशेवर कैदियों को उनके हुनर से सुधारना है. जेल प्रशासन और कैदियों ने साफ सुथरी जिंदगी की ओर अपना कदम बढ़ा दिया है. अब दूसरा कदम हमें बढ़ाना होगा.
प्रियंका सिंह