चीन दौरे के आखिरी दिन पीएम नरेंद्र मोदी शंघाई की फूदान यूनिवर्सिटी पहुंचे. पीएम मोदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, 'ज्ञान का न पूरब होता है, न पश्चिम'. ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे चीन की 2 यूनिवर्सिटी में बोलने का मौका मिला. वेद में कहा गया कि ज्ञान को हर जगह से आने दिया जाए.'
मोदी ने आगे कहा, 'ज्ञान के लिए दरवाजा खोलने के लिए भीतर ताकत की जरूरत होती है. अगर ये ताकत हम में न हो, तो ज्ञान
प्राप्त नहीं हो सकता है. दोनों देश ज्ञान के प्यासे हैं. बुद्ध के बाद गांधी के सहारे को चीन को जानना बड़ी बात है. महात्मा गांधी युग
पुरुष थे. 1400 साल पहले ह्वेंगसांग भारत आए थे.' मोदी ने कहा कि आतंकवाद, ग्लोबल वार्मिंग दुनिया के बड़े मुद्दे हैं. ज्ञान के
आधार पर ही हमारा कल्याण हो सकता है. मोदी ने कहा कि भारत और चीन मिल जाएं तो एक तिहाई दुनिया संकट मुक्त हो जाएगी.
अतीत को याद करते हुए मोदी ने कहा कि गांधी जी ने भी चीन की तारीफ की थी. जैंग शैंग को गांधी जी ने शांति टी नाम दिया था. दोनों की मुलाकात आमरण अनशन के दौरान हुई थी. टी ने चीन में लौटकर अखबार चलाया था. चीन और भारत मिल गए तो दुनिया का एक-तिहाई हिस्सा संकट मुक्त हो जाएगा. मोदी के भाषण के आखिर में वहां उपस्थित कार्यक्रम में मोदी-मोदी के नारे लगाए.
aajtak.in