PAK ने काबुल में बंद किया वीजा केंद्र, बढ़ रहा अफगानिस्तान के साथ तनाव

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. दूतावास बंद करने के मामले पर दोनों देश एक बार फिर से आमने-सामने आ गए हैं. पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में मौजूद अपने दूतावास के वीजा सेक्शन को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया है.

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (फाइल फोटो- Aajtak) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (फाइल फोटो- Aajtak)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:32 PM IST

  • अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव
  • पाक ने काबुल में वीजा सेक्शन को किया बंद
  • पाक के इस कदम से हजारों अफगानी प्रभावित

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. दूतावास बंद करने के मामले पर दोनों देश एक बार फिर से आमने-सामने आ गए हैं. पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में मौजूद अपने दूतावास के वीजा सेक्शन को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया है.

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साथ ही पाकिस्तान ने अफगान नागरिकों को वीजा दिए जाने की प्रक्रिया भी रोक दी है. पाकिस्तान ने इसके लिए सुरक्षा कारणों का हवाला दिया है. वहीं, पाकिस्तान के इस कदम से हजारों अफगानी प्रभावित हुए हैं, जो इलाज से लेकर कारोबार और अपनों से मिलने पाकिस्तान जाते हैं.  

पड़ोसी देशों के बीच बढ़ा तनाव

पाकिस्तान ने ये कदम ऐसे वक्त उठाया जब हाल के दिनों में दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव बढ़ा है. साथ ही काबुल में अफगान अधिकारियों की ओर से पाकिस्तानी राजनयिकों के कथित उत्पीड़न की दो घटनाएं सामने आई हैं. इसके अलावा कुछ दिन पहले पाक-अफगान सीमा पर दोनों देशों के सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी भी हुई थी, जिसमें 5 पाकिस्तानी नागरिक घायल हो गए थे.

वीजा मिलने में हो रही परेशानी

गौरतलब है कि पाकिस्तान के पेशावर में अफगानिस्तान का वाणिज्य दूतावास भी पिछले तीन हफ्तों से बंद है, जिसकी वजह से अफगानिस्तान जाने वाले पाकिस्तानियों को वीजा मिलने में परेशानी हो रही है. अफगानिस्तान सरकार का कहना है कि पेशावर में अफगानिस्तान का झंडा जबरन उतारे जाने के विरोध में उसने अपने दफ्तर को बंद किया है.

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उधर अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट में भी पाकिस्तान की अफगानिस्तान में चल रही नापाक हरकतों का खुलासा हुआ है. अमेरिकी संसद की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान में एक कमजोर सरकार चाहता है, ताकि अपनी मनमानी कर सके.

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