तीस्ता सीतलवाड़ की अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए गुजरात पुलिस ने लगाए संगीन आरोप

गुजरात पुलिस ने तीस्ता सीतलवाड़ पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पुलिस के अनुसार तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद ने एनजीओ को मिले फंड का गलत इस्तेमाल करते हुए शराब पीने और महंगे रेस्तरां में दावत करने पर खर्च किया.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 1:43 PM IST

गुजरात पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद की अग्रिम जमानत का विरोध किया है. गुजरात पुलिस ने हलफनामे में दावा किया है कि तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद ने एनजीओ को मिले फंड का गलत इस्तेमाल करते हुए शराब पीने और महंगे रेस्तरां में दावत करने पर खर्च किया.

बालों के मेंटेनेंस पर भी खर्च
यही नहीं, तीस्ता ने रोम और पाकिस्तान के दौरे पर अपने बालों के मेंटेनेंस पर भी एनजीओ के ही पैसे खर्च किए. पुलिस ने यह भी कहा है कि तीस्ता और जावेद सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं ताकि उनके खिलाफ हो रही जांच को प्रभावित किया जा सके.

सीबीआई ने मारे थे छापे

फंड के दुरूपयोग की जांच के सिलसिले में सीबीआई ने इस महीने ही तीस्ता के मुंबई स्थित घर पर छापे मारे थे . जांच एजेंसी ने तीस्ता के खिलाफ फॉरेन एक्सचेंज कानून को तोड़ने का आरोप लगाया है. आरोप के मुताबिक 2009 में फोर्ड फाउंडेशन की तरफ से तीस्ता के एनजीओ को दिए गए फंड का गलत इस्तेमाल किया गया.

दंगा पीड़ितों की मदद के लिए था फंड

ये फंड तीस्ता व उसके पति के दो एनजीओ-सबरंग ट्रस्ट व सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस के जरिये 2002 के दंगा पीड़ितों  की मदद के लिए जुटाए गए थे. क्राइम ब्रांच के मुताबिक जांच में यह पता चला कि तीस्ता ने नैपकिन की खरीद को चिकित्सकीय खर्च में बताया.

तीस्ता का सीधे मोदी पर आरोप

तीस्ता सीतलवाड़ के वकील का कहना है कि उनकी मुवक्किल को इस वजह से परेशान किया जा रहा है क्योंकि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ पहले केस दायर कर चुकी हैं . तीस्ता आरोप लगाती रही हैं कि 2002 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी ने दंगों को रोकने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए.

पिछले साल दर्ज हुआ था मुकदमा

अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने पिछले वर्ष जनवरी में 2002 के दंगों में शहर के क्षतिग्रस्त गुलबर्ग हाउसिंग सोसाइटी के सदस्य फिरोज सईद खान की शिकायत के आधार पर तीस्ता, जावेद सहित पांच लोगों के खिलाफ डेढ़ करोड़ रुपए की ठगी की प्राथमिकी दर्ज की थी.

संग्रहालय भी नहीं बनवाया

यह भी आरोप है कि उन्होंने दिसम्बर 2003 में गुलबर्ग सोसाइटी पीड़ितों से संग्रहालय बनाए जाने का जो वादा किया था वह अब तक नहीं बना. गुजरात उच्च न्यायालय ने तीस्ता व उसके पति की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.

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