टाटा मोटर्स ने मंगलवार को अपनी पहली तिमाही के नतीजे जारी किए. अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी को 1863 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. तीन साल में यह पहली बार है, जब टाटा मोटर्स को किसी तिमाही में घाटा हुआ है. कंपनी को हुए घाटे के लिए इसकी यूके सब्सिडियरी की कम बिक्री को माना जा रहा है.
टाटा मोटर्स की ब्रिटेन में सब्सिडिरी जगुआर लैंड रोवर की चीन में लग्जरी कारों की बिक्री काफी कम हुई है. इसके अलावा कच्चे माल की कीमत में भी बढ़ोतरी हुई है. टाटा मोटर्स ने बताया कि उसे इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 1,863 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ है.
दरअसल चीन में डीलरों ने इंपोर्ट ड्यूटी कम होने का फायदा उठाना चाहा. इसके लिए उन्होंने कारों की खरीदारी को कुछ समय के लिए टाल दिया. क्योंकि इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती इस तिमाही के अंत में लागू हुई हैं.
टाटा मोटर्स ने कहा कि इसके अलावा डीलर के स्टॉक कम करने का असर भी उसके कारोबार पर पड़ा है. इसकी वजह से जगुआर लैंड रोवर की कमाई 6.7 फीसदी घटी है.
हालांकि अप्रैल-जून की तिमाही में कंपनी की ऑपरेशन से कंसोलिडेटेड रेवेन्यू बढ़ा है. यह इस तिमाही में 67,081.29 करोड़ रुपये रहा. इससे एक साल पहले इसी दौरान यह 59,818.22 करोड़ रुपये था.
टाटा मोटर्स ने रेग्युलेटरी फाइलिंग में बताया कि अप्रैल-जून में उसका कुल खर्च 17 फीसदी बढ़ा. 17 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ उसका कुल खर्च 69,890 करोड़ रुपये रहा.
विकास जोशी