कैराना में ईवीएम मशीनें खराब हुईं तो आरएलडी उम्मीदवार तसबस्सुम ने कहा, दरअसल रमजान के माह में वोटिंग कराने के मकसद में फेल होने पर भाजपा ईवीएम से छेड़छाड़ पर उतर आई. भाजपा को लगता था कि रमजान के माह में मुस्लिम समुदाय के लोग घरों से हो कम निकलेंगे.'
भाजपा पर निशाना साधते हुए तबस्सुम ने कहा, ईवीएम मशीनें दलित और मुस्लिम बहुल इलाकों में ही खराब हो रही हैं. आखिर क्यों? तसब्सुम का आरोप है कि शामली, कैराना और नूरपुर में करीब 175 पोलिंग बूथों पर मशीनों में गड़बड़ी की शिकायतें आईं हैं.
फूलपुर और गोरखपुर में हार के बाद भाजपा जानती है कि कैराना में हार तय है. उन्होंने कहा, 'कैराना की हार भाजपा को उत्तर प्रदेश में घटती लोकप्रियता का साफ संकेत देगी.' यह वही कैराना है जहां पर भाजपा सांसद हुकुम सिंह ने 2016 में हिंदू पलायन का मुद्दा उठाकर ध्रुवीकरण की चाल चली थी. जानकारों का कहना है कि कैराना के पलायन ने उत्तर प्रदेश में भाजपा को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई.
कैराना में पब्लिक इंटर कॉलेज में बूथ सेंटर वोटिंग के लिए तकरीबन डेढ़ घंटे तक इतंजार करने वाले मुनव्वर ने कहा, 'मेरे दोस्तों के फोन लगातार मेरे पास आ रहे हैं. पोलिंग बूथ पर वे कई-कई घंटे तक धूप में खड़े हैं.
रमजान का महीना और कड़ी धूप में घंटों खड़े रहने की वजह से कई लोग घरों में भी वापस चले गए. खासतौर पर बुजुर्गों के लिए इंतजार करना कठिन हो रहा था. लेकिन कई लोग ऐसे हैं जो अड़े रहे कि अगर शाम की नमाज यहीं पढ़नी पड़ी तो भी खड़े रहेंगे. वोट डालकर ही घर जाएंगे.'
कैराना में गंगोह विधानसभा के ग्राम गांधीनगर, कलालहति, बल्लमजरा, तातारपुर, गंगोह ब्लॉक, बेगी, सांगाठेड़ा, हुसैनपुर, पब्लिक इंटर कॉलेज में ईवीएम खराब. बल्लमजरा में वोट डालने गए असलम ने बताया मदरसे के पास बल्लमजरा में सुबह 11 बजे पुलिस ने लाठियां भी चलाईं. हालांकि बिना देर किए आरएलडी उम्मीदवार तबस्सुम ने वहां पहुंचकर पुलिस वालों को फटकरा लगाई. तब जाकर पुलिस ने सख्ती बंद की.
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संध्या द्विवेदी / मंजीत ठाकुर