स्वीडन ने भारत की परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी ) की सदस्यता की मांग का समर्थन किया है. स्वीडन ने भारत की एनएसजी सदस्यता का समर्थन करते हुए नई दिल्ली के वासेनार अरेंजमेंट एवं मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था समेत हाल में अंतरराष्ट्रीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्था में शामिल होने का भी स्वागत किया है.
स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लवेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्ता के दौरान भारत को समर्थन देने की बात कही. बता दें कि 48 सदस्य देशों वाले परमाणु समूह में भारत की सदस्यता का मुख्य रूप से चीन यह कहते हुए विरोध कर रहा है कि भारत ने अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किया है.
वहीं, स्वीडन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार और सुधार के बाद उसमें भारत की स्थायी सदस्यता का भी समर्थन किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने स्वीडन के इस समर्थन के लिए धन्यवाद दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लवेन के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान देनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच रिश्तों और साझेदारी को मजबूत बनाने पर जोर दिया.
स्टीफन लवेन ने कहा कि वह भारत की समृद्धि और विकास के लिए वहां की सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों से काफी प्रभावित हुए हैं. दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने इस दौरान रक्षा और तकनीक के क्षेत्र में जॉइंट एक्शन प्लान पर हस्ताक्षर भी किए.
जावेद अख़्तर