संविधान के तहत अफजल को दी गई फांसी: शिंदे

केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि अफजल गुरु को संविधान के तहत फांसी दी गई और इस दौरान पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया. शिंदे ने साथ ही कहा कि अफजल के परिवारवालों सही समय पर जानकारी दी गई थी.

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आज तक ब्‍यूरो

  • नई दिल्‍ली,
  • 11 फरवरी 2013,
  • अपडेटेड 5:16 PM IST

केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि अफजल गुरु को संविधान के तहत फांसी दी गई और इस दौरान पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया. शिंदे ने साथ ही कहा कि अफजल के परिवारवालों सही समय पर जानकारी दी गई थी.

वहीं दूसरी ओर आतंकी अफजल गुरु के परिवार की मांग जेल प्रशासन ने मान ली है. तिहाड़ जेल प्रशासन ने तय किया है कि परिवार को अफजल का सारा सामान लौटा दिया जाए.

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अफजल गुरु का चश्मा, स्कॉर्फ, ट्रांजिस्टर, डायरी और बिस्तर उसके परिवार को लौटाया जाएगा. साथ ही अफजल के पास रखी किताबें भी उसके परिवार को वापस की जाएंगी.

अफजल गुरु ने बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी की माई कंट्री माई लाइफ और पूर्व राष्ट्रपति अबुल कलाम आजाद की इंडिया विन्स फ्रीडम किताबें रखी हुई थीं.

जब शिंदे से पूछा गया कि कसाब और अफजल गुरु के बाद अब किसको फांसी होगी, शिंदे ने हंसते हुए कहा कि अगला कौन ये बताऊंगा तो कोई और कोर्ट में जाएगा.

शिंदे ने दावा किया कि जेल प्रशासन ने अफजल की फांसी की सूचना उसके परिजनों को स्पीड पोस्ट से भेजी थी जिसकी रसीद उनके पास है. जब उनसे पूछा गया कि ये स्पीड पोस्ट अब तक परिजनों तक क्यों नहीं पहुंची तो उनका कहना था कि सारे काम गृहमंत्री ही नहीं करता. मैंने सिर्फ इस सूचना पर साइन किए थे. स्पीड पोस्ट जेल प्रशासन भेजता है. इस मामले में भी जेल मैनुअल के हिसाब से पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया.

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उन्होंने माना कि इस मामले में गोपनीयता बरती गई क्योंकि यदि जब कुछ खुलेआम और पारदर्शी हो जाएगा तो काम नहीं हो पाएगा. हिंदू आतंकवाद संबंधी बयान को लेकर बीजेपी द्वारा गृहमंत्री के विरोध के ऐलान पर शिंदे ने कहा कि अगर बीजेपी काला झंडा दिखाना चाहती है तो दिखाए.

जब शिंदे से पूछा गया कि क्या उन्होंने अपने विरोध को कम करने के लिए ही अफजल की फांसी का फैसला किया तो उन्होंने कहा कि मेरे बयान का अफजल की फांसी का कोई लिंक नहीं है. आतंकवाद का कोई रंग नहीं होता. सरबजीत के मसले पर शिंदे ने कहा कि मैं पहले ही ये मसला पाक गृहमंत्री के समक्ष उठा चुका हूं. उन्होंने कहा है कि ये मसला विचाराधीन है.

जब शिंदे से पूछा गया कि राजीव गांधी की हत्या की साजिश और बेअंत सिंह की हत्या के दोषी आतंकियों को फांसी क्यों नहीं होती तो उन्होंने कहा कि ये मामला अभी तक कोर्ट में विचाराधीन है. अफजल की कब्र पर उसके परिवारवालों द्वारा अंतिम संस्कार की इजाजत मांगने के मुद्दे पर शिंदे ने कहा कि इसपर विचार किया जा सकता है.

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