एक मदरसा ऐसा जहां पढ़ते हैं हिंदू बच्चे!

इस देश में एक ओर धर्म के नाम पर बड़े बड़े राजनीतिक पासे फेंक कर वोट बटोरे जाते हैं तो वहीं दूसरी तरफ देश में एक ऐसा मदरसा भी है जो सांप्रदायिक सोहार्द का एक अनोखा मिसाल पेश कर रहा है.

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aajtak.in

  • सूरत,
  • 15 नवंबर 2014,
  • अपडेटेड 11:07 PM IST

इस देश में एक ओर धर्म के नाम पर बड़े-बड़े राजनीतिक पासे फेंक कर वोट बटोरे जाते हैं तो वहीं दूसरी तरफ देश में एक ऐसा मदरसा भी है जो सांप्रदायिक सौहार्द का एक अनोखा मिसाल पेश कर रहा है.

गुजरात के सूरत शहर के हिंदू बाहुल्य इलाके वराछा के एक मदरसे में कई हिंदू बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. इस 109 साल पुरानी इस्लामिक ट्रस्ट द्वारा संचालित मदरसे में पढ़ने वाले करीब 70 फीसदी विद्यार्थी हिंदू हैं. गुजरात दंगों के दौरान भी सांप्रदायिकता विरोधी ताकतें इस मदरसे की सद्भावना को खरोंच तक नहीं पहुंचा पाए.

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बताया जाता है कि इस मदरसे में फिलहाल कुल 1,260 विद्यार्थी पढ़ते हैं, इनमें से 875 विद्यार्थी हिंदू हैं. मदरसे में कुल स्टाफ की संख्या 70 है जिनमें 80 फीसदी हिंदू हैं. इस मदरसे में पढ़ा रहे शिक्षकों में से 15 शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने इसी मदरसे में शिक्षा ग्रहण की है. इस मदरसे के प्राचार्य ने भी यहीं के छात्र रहे हैं.

मदरसे के प्राचार्य सुलेमान आगा ने बताया कि यह मदरसा अनुदानित है, जिसकी फीस अन्य स्कूलों के हिसाब से काफी कम है. इसलिए हिंदू अभिभावक यहां अपने बच्चों को पढ़ाना पसंद करते हैं. इस मदरसे में धर्म के आधार पर किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता और छात्रों को हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. सुलेमान ने बताया कि साल 1992 और 2002 में हुए दंगों में भी मदरसे पर कोई आंच नहीं आई थी.

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इस मदरसे में पढ़ने वाले बच्चे भी यहां कि सुविधाओं से खुश हैं. मदरसे में हर त्योहार मनाया जाता है चाहे वो हिंदू का हो या मुसलमान का. इकबाल के लिखे गीत की वो पंक्ति कि 'मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, हिंदी हैं हम वतन हैं, हिंदुस्तान हमारा', शायद ये मदरसा इस पंक्ति को बखूबी चरितार्थ कर रहा है.

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