सुप्रीम कोर्ट ने सीलिंग मामले पर दिल्ली विकास प्राधिकरण को कहा है कि मास्टर प्लान के संशोधन पर रोक को हम फिलहाल नहीं हटाएंगे. कोर्ट ने सरकार से कहा कि पहले तमाम संशोधन चार्ट के जरिये सुप्रीम कोर्ट में पेश करे.
जस्टिस मदन भीम राव लोकुर की पीठ ने कहा कि अगर कोर्ट 2007 के बाद के तमाम संशोधनों और नियमों को रद्द करता है तो फिर आपके पास प्लान बी क्या है?
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए से कहा कि हमने मास्टरप्लान में संशोधन पर इसलिये रोक लगाई क्योंकि आप हमारे सवालों के जवाब का हलफनामा दाखिल नहीं कर रहे थे. दिल्ली मे मास्टरप्लान संशोधन पर जनता से तो आपने तीन दिन में आपत्तियां मांग ली थीं. वहीं जब हमने आपसे संशोधन पर हलफनामा दाखिल करने को कहा, तो आपने इसके लिए 6 हफ्ते का समय मांगा.
कोर्ट ने कहा कि एक तरीके से मास्टरप्लान में संशोधन कर जनता को ये सन्देश दे रहे हैं कि आपने अब तक जो भी अवैध निर्माण किया है, उसके नियमित होने को लेकर आपको चिन्ता करने की जरूरत नहीं है. हम उसे रेगुलर कर देंगे. ऐसी मनमानी नहीं चलेगी.
अब कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 8 मई को करेगा. तब केंद्र सरकार प्लान बी और मास्टरप्लान में संशोधन का मसौदा लेकर कोर्ट में हाजिर होगी.
नंदलाल शर्मा / संजय शर्मा