जज लोया की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

एसआईटी जांच की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आज अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.

Advertisement
जज लोया जज लोया

राहुल विश्वकर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 16 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 4:36 PM IST

सीबीआई जज बीएच लोया की मौत के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. एसआईटी जांच की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.

महाराष्ट्र सरकार जज लोया की मौत मामले में एसआईटी जांच का विरोध कर रही है. साथ ही इस बाबत दायर याचिका को राजनीति से प्रेरित बताया है. फडणवीस सरकार की ओर से पैरवी कर रहे सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी का कहना है कि ये याचिका न्यायपालिका को सेकेंडलाइन करने के लिए दायर की गई है, क्योंकि इसके जरिए राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश की जा रही है.

Advertisement

मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि इस मामले में जज लोया के साथी जजों के बयान के बाद उनकी मौत के पीछे अब कोई रहस्य नहीं रह गया है. लिहाजा इसकी आगे जांच की कोई जरूरत नहीं है. CBI के स्पेशल जज लोया की मौत 30 नवंबर 2014 को हुई थी. तीन साल तक किसी ने इस पर उंगली नहीं उठाई और अब अचानक इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं. ये सारे सवाल कारवां की नवंबर 2017 की खबर के बाद उठाए गए, जबकि याचिकाकर्ताओं ने इसके तथ्यों की सत्यता की जांच नहीं की.

रोहतगी ने कहा कि 29 नवंबर को लोया के साथ मौजूद रहे चार जजों ने अपने बयान दिए हैं. वो ही चारों जज उनकी मौत के वक्त भी साथ थे. उन्होंने लोया के शव को एंबुलेंस के जरिए लातूर भी भेजा था. रोहतगी ने दलील दी कि पुलिस रिपोर्ट में जिन चार जजों के नाम हैं, उनके बयान पर भरोसा नहीं करने की कोई वजह नहीं है. इनके बयान पर भरोसा करना ही होगा. अगर कोर्ट इनके बयान पर यकीन नहीं करती और जांच का आदेश देती है, तो ये चारों जज साजिश में शामिल माने जाएंगे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement