अयोध्या केस: निर्मोही अखाड़ा ने SC में किया रामजन्मभूमि न्यास का विरोध

सुनवाई के दौरान एक समय ऐसा भी आया जब हिंदू पक्षकार एक दूसरे का विरोध करने लगे. अदालत में बुधवार को निर्मोही अखाड़ा की तरफ से रामजन्मभूमि न्यास की दलीलों का विरोध किया गया.

Advertisement
सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या केस की आखिरी सुनवाई... सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या केस की आखिरी सुनवाई...

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 1:43 PM IST

  • सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या केस की आखिरी सुनवाई
  • निर्मोही अखाड़ा ने किया रामजन्मभूमि न्यास का विरोध
  • बुधवार शाम 5 बजे खत्म होनी है बहस

सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद पर आखिरी बहस जारी है. बुधवार को इस सुनवाई का अंतिम दिन है और सभी पक्षकार तय समयसीमा में अपनी बात रख रहे हैं. सुनवाई के दौरान एक समय ऐसा भी आया जब हिंदू पक्षकार एक दूसरे का विरोध करने लगे. अदालत में बुधवार को निर्मोही अखाड़ा की तरफ से रामजन्मभूमि न्यास की दलीलों का विरोध किया गया.

Advertisement

दरअसल, निर्मोही अखाड़ा के वकील सुशील जैन ने रामजन्मभूमि न्यास की दलील का विरोध किया और कहा कि उन्होंने (रामजन्मभूमि न्यास) ऐसा क्यों कहा कि बाबर ने मंदिर गिराया और मस्जिद बनाई. हमने हमेशा कहा है कि वो मंदिर ही था. हमने कभी मुस्लिमों को जमीन का हक ही नहीं दिया.

निर्मोही अखाड़ा की ओर से सुशील जैन ने कहा कि उन्होंने 1961 का एक नक्शा दिखाया, जो गलत था. उन्होंने बिना किसी सबूत के सूट फाइल कर दिया. वहां की इमारत हमेशा से ही मंदिर थी. ऐसा कोई सबूत नहीं है कि मस्जिद बाबर ने बनाई थी.  

इसपर जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि जो सूट दायर किया गया है वह टाइटल का है, इसमें एक्सेस की कोई बात नहीं है.

निर्मोही अखाड़ा बनाम निर्वाणी अखाड़ा

निर्मोही अखाड़ा और रामजन्मभूमि न्यास से पहले निर्वाणी अखाड़ा के सामने आ चुका है. बुधवार को ही सुनवाई के दौरान निर्वाणी अखाड़ा ने दावा किया कि रामलला जन्मस्थान पर सेवा का अधिकार उनका है, ऐसे में उन्हें ये ही अधिकार मिलना चाहिए.

Advertisement

इसपर जस्टिस भूषण ने कहा कि लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्मोही अखाड़ा को सेवायायी माना है. इसपर निर्वाणी अखाड़ा के वकील जयदीप गुप्ता ने कहा कि वो दावा गलत है. उनकी ओर से कहा गया कि अभी तो हम ही इकलौते सेवायत दावेदार हैं. जब वहां रिसीवर नियुक्त किए गए तब भी हमारा अखाड़ा ही सेवा, शोभायात्रा और उत्सव का आयोजन और देखरेख करता था, लेकिन बाद में हमें बाहर कर दिया.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement