AGR मामला: वोडाफोन-आइडिया ने दिए 1 हजार करोड़, शेयर में आई तेजी

वोडाफोन-आइडिया एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू बकाये की एक और किस्‍त दी है. इस बार कंपनी ने 1 हजार करोड़ रुपये चुकाए हैं.

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वोडा-आइडिया पर 53 हजार करोड़ का बकाया वोडा-आइडिया पर 53 हजार करोड़ का बकाया

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली,
  • 20 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 3:45 PM IST

  • वोडाफोन-आइडिया पर 53 हजार करोड़ का एजीआर बकाया
  • सोमवार को कंपनी ने 2,500 करोड़ रुपये का भुगतान किया था

देश की दिग्‍गज टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाये की एक और किस्‍त दी है. न्‍यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक वोडाफोन-आइडिया ने गुरुवार को 1 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया.

इससे पहले कंपनी ने सोमवार को एजीआर बकाये को लेकर 2,500 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. बता दें कि वोडाफोन-आइडिया के ऊपर 53 हजार करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है. बहरहाल, इस खबर की वजह से वोडाफोन-आइडिया के शेयर में एक बार फिर तेजी दर्ज की गई है. सप्‍ताह के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को वोडाफोन-आइडिया के शेयर 5 फीसदी से अधिक चढ़ गए. इससे एक दिन पहले कंपनी के शेयर 48 फीसदी तक चढ़ गए थे.

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एयरटेल ने किया 10,000 करोड़ का भुगतान

कई साल पुराने मामले में वोडाफोन-आइडिया के अलावा भारती एयरटेल पर 35 हजार करोड़, टाटा टेलिसविर्सिज पर 13,800 करोड़और बीएसएनएल पर 4,989 करोड़ के अलावा एमटीएनएल पर 3,122 करोड़ रुपये का बकाया है. इस बकाये में एयरटेल ने 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है.

कंपनियों को मिला पूर्व वित्त सचिव का साथ

इस बीच, एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू  भुगतान को लेकर टेलीकॉम कंपनियों को पूर्व वित्त सचिव का साथ मिला है. पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा है कि सरकार को AGR के तहत मूल राशि के भुगतान को लेकर वन टाइम सेटलमेंट प्‍लान की पेशकश करनी चाहिए. इसके साथ ही ब्याज और जुर्माने से छूट देनी चाहिए.

ये भी पढ़ें- टेलीकॉम सेक्‍टर का संकट गहरा, राहत जरूरी

बता दें कि संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा टेलीकॉम कंपनियों से लिए जाने वाले यूजेज और लाइसेंसिंग फीस को एजीआर कहते हैं. इस मामले में टेलीकॉम कंपनियों पर 1.47 लाख करोड़ का बकाया था. सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों से 23 जनवरी 2022 तक बकाया चुकाने को कहा था. हालांकि, टेलीकॉम कंपनियों ने ऐसा नहीं किया. इसके बाद कोर्ट की सख्‍ती के बाद कंपनियां अब बकाया चुका रही हैं.

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